हार जलाड़ी प्रदेश की पहली बीपीएल मुक्त पंचायत

सभी 118 परिवारों ने जनरल इजलास में स्वेच्छा से कटवाया नाम

मटौर— कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत हार जलाड़ी हिमाचल की पहली बीपीएल मुक्त पंचायत बन गई है। रविवार को गरीबी के अभिशाप को अलविदा कहते हुए बीपीएल की सूची में शामिल पंचायत के 118 लोगों ने खुद को इस लिस्ट से अलग कर दिया। रविवार को हार जलाड़ी पंचायत का आम इजलास था। इसमें पंचायत सेक्रेटरी नरेश कुमार, आब्जर्वर गायत्री देवी, बीडीसी सदस्य गायत्री देवी, पंचायत प्रधान रंजना देवी व उपप्रधान बलवीर सिंह सहित सातों वार्डों के पंच तिलक राज, संजय कुमार, मोहन सिंह, सरला देवी, फिला देवी, निर्मला देवी और सरोज कुमारी समेत पंचायत के लोग मौजूद थे। हार जलाड़ी पंचायत में 580 राशन कार्ड धारक हैं, इनमें से 118 परिवार काफी समय से बीपीएल सूची में थे। पंचायत प्रतिनिधियों की मानें, तो जो परिवार बीपीएल सूची में थे, वे आर्थिक रूप से ठीक थे। सभी के अच्छे मकान हैं, अच्छी इनकम हैं। पंचायत  की ओर से इन लोगों को इस बात के लिए तैयार किया कि यदि वे बीपीएल की सूची से बाहर होते हैं, तो पंचायत पर और जो गरीबी का ठप्पा लगा है, वो हट जाएगा। इसके साथ ही भारत सरकार का लक्ष्य भी है कि अगले पांच साल में देश को गरीबी से मुक्त करना है। रविवार को हुए जनरल हाउस में बीपीएल में शामिल सभी लोगों से सहमति मांगी गई कि जो स्वेच्छा से बीपीएल से बाहर होना चाहता है, वे भी बता दे और जो इस सूची में रहना चाहते हैं, वे भी बता दें। इस दौरान सर्वसम्मति से सभी 118 राशन कार्ड धारकों ने खुद को बीपीएल सूची से बाहर कर लिया। यहां यह बताना जरूरी है कि बीपीएल में वे परिवार शामिल किए जाते हैं, जिनकी मासिक आए 2500 रुपए या इससे कम हो। उधर, हार जलाड़ी की पंचायत प्रधान रंजना देवी ने बताया कि  पंचायत के 118 राशन कार्ड धारकों ने सर्वसम्मति से बीपीएल सूची से बाहर होने का फैसला किया है। मैं इन सब परिवारों का धन्यवाद करती हूं। साथ ही उम्मीद करती हूं कि आने वाले वक्त में भी लोग इस पंचायत को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

ऐसी पंचायतों को मिले सम्मान : जानकारों के अनुसार हार जलाड़ी के लोगों द्वारा उठाया गया यह कदम सराहनीय है और इसके लिए पंचायत को साधुवाद दिया जाना चाहिए। साथ ही सरकार को भी इस पंचायत के बारे में सोचना चाहिए कि जो पंचायतें इस तरह से तरक्की कर रही हैं, उन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए, क्योंकि ऐसी पंचायतों में भी लोगों की कुछ समस्याएं होंगी, बेरोजगारी होगी, उनका प्राथमिकता से हल किया जाना चाहिए।