100 हादसों में 40 की मौत

हादसों में राष्ट्रीय औसत से हिमाचल में अधिक हो रही मौतें

पालमपुर – प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ  साल-दर-साल बढ़ रहा है,वहीं इन दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। चिंताजनक तौर पर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में असमय मौत का ग्रास बन रहे लोगों का आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से अधिक है। एमओआरटीएच द्वारा सड़क हादसों के 2016 के राष्ट्रीय स्तर के जारी किए आंकड़े यह खुलासा करते हैं कि देश में प्रति सौ दुर्घटनाओं में औसतन 31.4 जानें जा रही हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भी इस ग्राफ में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। 2013 में 28.3, 2014 में 28.5 और 2015 में 29.1 के बाद 2016 में यह आंकड़ा पहली बार 30 के पार जा पहुंचा। प्रदेश में भी लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों के साथ इनमें मरने व घायल होने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि साल 2016 में प्रदेश में पेश आई 3168 सड़क दुर्घटनाओं में 1271 लोगों की जान गई और 5764 लोग घायल हुए। राष्ट्रीय स्तर पर 2016 में हुई 150785 सड़क दुर्घटनाओं में 0.7 फीसदी हिमाचल में हुई। एमओआरटीएच द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं 2016 में 15 प्रदेश ऐसे रहे जहां प्रति सौ दुर्घटनाओं में औसतन 40 से अधिक जानें गई। चिंताजनक तौर पर इन 15 प्रदेशों की सूची में हिमाचल का नाम भी शामिल है। प्रति सौ सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक 84.3 मौतें मिजोरम में दर्ज की गई, जबकि पंजाब में यह आंकड़ा 73 रहा। इस सूची में 65.7 के आंकड़े के साथ दादर और नगर हवेली, 61.4 के साथ झारखंड, 61.3 के साथ नागालैंड, 59.8 के साथ अरुणाचल प्रदेष और 59.6 के साथ बिहार भी शामिल है। प्रति सौ एक्सीडेंट औसतन 40.1 लोगों की मौत हिमाचल प्रदेश में दर्ज की जा रही है,जोकि राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 2013 में यह ग्राफ 35.4, 2014 में 39.2 और 2015 में 36.4 रहा था जबकि 2016 में यह  40 के पार जा पहुंचा। गोवा, अंडेमान-निकोबार, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, एमपी, दिल्ली और तमिलनाडु सहित कुछ अन्य राज्यों में प्रति सौ एक्सीडेंट मौतों का ग्राफ  राश्ट्रीय औसत से कम रहा है।

अपने सपनों के जीवनसंगी को ढूँढिये भारत  मैट्रिमोनी पर – निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन!