अलर्ट के बाद भी नहीं बदला ट्रैफिक रूट

वाराणसी— वाराणसी में मंगलवार की शाम एक दर्दनाक घटना घटी, जिसमें लहरतारा से चौकाघाट तक बन रहे निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिर गया, जिसमें दबकर 16 लोगों की मौत हो गई। एनडीआरएफ की तरफ से रात भर चले रेस्क्यू आपरेशन में मलबे में दबे सभी मृतकों और घायलों को निकाल लिया गया। दरअसल अखिलेश सरकार में पहली अक्तूबर, 2015 को फ्लाईओवर के विस्तारीकरण का शिलान्यास हुआ और फिर तेजी से निर्माण शुरू किया गया, तब से लेकर आज तक इस फ्लाई ओवर का निर्माण विवादों में ही रहा। अखिलेश सरकार के दौरान भी कई बार इसकी डीपीआर बदली गई। दरअसल 2017 में योगी सरकार आई तो इस पुल का काम जल्द पूरा करने के निर्देश जारी किए गए। फ्लाई ओवर का निर्माण मार्च, 2019 तक पूरा होना था, लेकिन अधिकारियों ने वाहनों के दबाव का हवाला देकर अक्तूबर, 2019 तक काम को पूरा करने वक्त मांगा। इस फ्लाई ओवर का निर्माण 30 महीने में पूरा होना था, लेकिन अभी तक इस फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। खबरों की मानें तो 19 फरवरी को यूपी सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक के खिलाफ सिगरा थाने में लापरवाही को लेकर मुकदमा भी दर्ज कराई गई थी। कहा जा रहा है कि फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर कई बार प्रशासन को भी अलर्ट किया गया था। इस पुल का निर्माण रूट डायवर्ट करके कराई जाए वरना बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान रूट डायवर्ट नहीं किया गया।

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