असुरक्षित होता हिमाचल

राजेश कुमार चौहान, जालंधर

अब हिमाचल भी रेप और अन्य जघन्य अपराधों के कारण मीडिया में सुर्खियां बनता जा रहा है, जो कि प्रदेश सरकार और आम लोगों के लिए बहुत निंदनीय और शर्मनाक है। हिमाचल जिसे आज भी दुनिया भर में ईमानदारी, नैतिकता और धार्मिक खूबियों के कारण पहचाना जाता है, जहां के लोगों की इनसानियत की मिसाल अभी भी कायम हो, वहां पर जघन्य अपराध होना सचमुच एक अभिशाप की तरह है। हिमाचल में भी धीरे- धीरे अपराध बढ़ते जा रहे हैं, जिससे यह साबित हो रहा है कि यहां के लोग भी अब भारतीय और हिमाचल की संस्कृति और रीति-रिवाजों से दूर होकर अपराध के रास्तों पर अग्रसर होने लगे हैं। प्रदेश में एक तो रेप के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो लोगों की संकीर्ण होती मानसिकता की ओर इशारा कर रहे हैं। अब कसौली में एक महिला अफसर पर गोली चलना और वह भी पुलिस के सामने और आरोपी का पुलिस के सामने से ही भाग जाना, राज्य सरकार की सुरक्षा के खोखले दावों की पोल खोलता है। कसौली के गोलीकांड ने एक बार फिर सरकार, प्रशासन और पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया है। यहां यह सवाल भी खड़ा होता है कि सरकारें अगर अपने नागरिकों को उचित सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकती, तो उन्हें पुलिस डिर्पाटमेंट पर करोड़ों रुपए बर्बाद करने की जरूरत ही क्या है? प्रदेश में बढ़ते अपराध बहुत बड़ी चिंता का विषय हैं। अगर इन अपराधों पर समय रहते नकेल नहीं कसी गई, तो प्रदेश में असुरक्षा का माहौल पैदा हो जाएगा। यह प्रदेश के पर्यटन पर भी नकारात्मक असर डालेगा। अगर प्रदेश में अपराध के मामले ऐसे ही बढ़ते रहेंगे, तो कौन आएगा हिमाचल की सैर करने? हिमाचल सरकार को पुलिस और कानून व्यवस्था के प्रति लाचार और ढुलमुल रवैया छोड़ देना चाहिए।

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