अस्पताल या शोपीस

पूजा ठाकुर, जवाली

जवाली अस्पताल बाहर से देखने के लिए  बिलकुल अच्छा बनवा दिया है, परंतु अभी भी यहां स्वास्थ्य सेवाओं से लोग वंचित हैं। सुविधाएं नहीं होने की वजह से यह अस्पताल सिर्फ शोपीस बन कर रह गया है। इस अस्पताल में डाक्टरों की कमी मुख्य कारण है। डाक्टरों की कमी की वजह से लोगों को महंगे प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता है। यहां पर आपातकालीन सेवाओं की भी कोई सुविधा नहीं है। एमर्जेंसी में लोगों को मजबूरी में किसी प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ता है या दूरदराज के नूरपुर अस्पताल तक पहुंचते-पहुंचते पेशेंट की जान चली जाती है। इससे गरीब लोगों को बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, यहां पर रात में शौचालयों में न लाइट की व्यवस्था है और न ही पानी की। क्यों नहीं इस अस्पताल में भी नूरपुर अस्पताल की तरह डाक्टर और अन्य आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं? इस समस्या को लेकर कई बार शिकायतें दर्ज करवाई जाती रही हैं, परंतु अब तक इसमें कोई सुधार नहीं हो पाया है। जवाली नगरपालिका को इसमें सुधार करवाने के लिए सक्रिय होना चाहिए, ताकि अपने ही क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। लोगों ने कई बार शिकायतें की हैं, परंतु किसी के कान पर जूं नहीं रेंगती। अतः सरकार को या तो इस अस्पताल को बंद कर देना चाहिए, या यहां पर डाक्टरों की कमी को दूर किया जाए और अन्य सभी सुविधाएं भी प्रदान की जाएं, ताकि यहां के लोगों को इस परेशानी से न जूझना पड़े।

अपना सही जीवनसंगी चुनिए| केवल भारत मैट्रिमोनी पर-  निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन!