कुंबले की कमेटी का टॉस को जीवनदान, बना रहेगा टेस्ट में बॉस

मुंबई— अनिल कुंबले की अगवाई वाली आईसीसी की क्रिकेट समिति ने खेल के पारपंरिक प्रारूप से टॉस हटाने के खिलाफ फैसला करते हुए इसे खेल का अभिन्न हिस्सा करार किया, जिससे टेस्ट मैच में खेल से पहले बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण तय करने के लिए आगे भी सिक्के से फैसला होगा। पूर्व भारतीय कप्तान की अगवाई में समिति ने खिलाडि़यों के व्यवहार के संबंध में सिफारिशें की और विश्व क्रिकेट संचालन संस्था से कड़े कदम उठाने तथा खिलाडि़यों और प्रतिस्पर्धी टीम के बीच सम्मान की संस्कृति को बरकरार रखने की वकालत की। इसने गेंद से छेड़छाड़ में शामिल होने के लिए कड़ी सजा की भी बात कही। हालांकि चर्चा के मुख्य बिंदुओं में से एक चर्चा का विषय यह था कि क्या टेस्ट मैचों के दौरान घरेलू हालात के फायदे को कम करने के लिए टॉस (दौरा करने वाली टीम को चुनने का अधिकार मिले) को खत्म कर दिया जाए। आईसीसी ने विज्ञप्ति में कहा कि समिति ने चर्चा की कि क्या टॉस का अधिकार सिर्फ दौरा करने वाली टीम के सुपुर्द कर दिया जाए, लेकिन बाद में महसूस किया गया कि यह टेस्ट क्रिकेट का अभिन्न हिस्सा है, जो खेल की शुरुआत में मैच की भूमिका तय करता है। समिति में हालांकि पूर्व अंतरराष्ट्रीय कप्तान जैसे माइक गैटिंग, माहेला जयवर्द्धने, मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कोच माइकल हेसन (न्यूजीलैंड) और पूर्व आस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज और मैच रैफरी डेविड बून भी शामिल थे। ये सब इस बात पर सहमत थे कि मेजबान देश को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को ध्यान में रखते हुए बेहतर स्तर की पिचें तैयार करनी चाहिए।

पिच खराब हुई तो  मेजबानों पर गाज!

आईसीसी ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया कि खराब पिचें बनाने से किसी बोर्ड को रोकने के लिए सबसे बेहतर तरीका यह होगा कि यदि मैच रद्द किया जाता है तो विपक्षी टीम को अंक दे दिए जाएं, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्रिकेट समिति ने इस सुझाव का समर्थन किया है या नहीं।

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