क्या पूरे एरिया के ही टैंक गंदे?

धर्मशाला में फैले डायरिया पर लोग बोले, सप्लाई में ही प्रॉब्लम

धर्मशाला – प्रदेश की जनता को स्वच्छ पानी की सप्लाई देने के बड़े-बड़े हवाई वादे करने वाली प्रदेश सरकार की पोल स्मार्ट सिटी धर्मशाला में पूरी तरह खुल गई है। विभाग के अधिकारी भी लोगों की टंकियों में गंदगी होने का राग अलपाते हुए नहीं थक रहे हैं, लेकिन लोगों की बातों पर गौर करें तो उनका कहना है कि किसी एक दो या दस परिवारों के पेयजल भंडराण टैंकों में गंदगी हो सकती है, लेकिन पूरे एरिया में संक्रमण फैलने का कारण विभाग द्वारा दी जा रही सप्लाई भी दूषित हो सकती है, पर विभाग यह बात मानने को तैयार ही नहीं है। विभाग के अधिकारी सीधे तौर पर लोगों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। विभाग के अधिकारियों ने इस मामले के बाद लोगों के फोन उठाने भी बंद कर दिए हैं, जबकि प्रदेश सरकार के आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ने धर्मशाला में आयोजित की गई बैठक के दौरान प्रदेश भर के अधिकारियों को फोन स्विच ऑन रखने की हिदायत दी थी, लेकिन अधिकारी मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना भी नहीं कर रहे। दूषित पानी के कारण धर्मशाला शहर के एक भाग में फैले संक्रमण अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। धर्मशाला शहर के कुछेक एरिया में फैले डायरिया का प्रकोप रविवार को भी जारी रहा। जोनल अस्पताल की एमर्जेंसी ओपीडी में पूरा दिन दो दर्जन के करीब नए डायरिया के मरीज जांच करवाने पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग ने डायरिया प्रभावित क्षेत्रों से पानी के सैंपल भरे हैं। 72 घंटे तक लैब में टेस्ट होने के बाद सोमवार को रिपोर्ट आएगी। सैंपल की जांच टांडा मेडिकल कालेज की पब्लिक हैल्थ लैब में हो रही है।

अस्पताल में 21 बच्चे भर्ती

चिल्ड्रन वार्ड में डायरिया से ग्रसित 21 बच्चों का उपचार चल रहा है, जिसमें अधिकतर बच्चे दस साल से कम उम्र के हैं। अस्पताल प्रबंधन ने सभी वार्ड में तैनात कर्मचारियों को डायरिया के मरीजों की सूची तैयार करने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग संक्रमण फैलने के पहले दिन से ही मरीजों की रिकार्ड लिस्ट तैयार कर रहा है। चिल्ड्रन वार्ड में 31 बच्चे दाखिल हो चुके हैं, जिसमें से मात्र दस बच्चों को ही स्वस्थ घोषित कर डिस्चार्ज किया गया है, बाकी 21 बच्चे अभी भी अस्पताल में उपचाराधीन हैं।

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