क्यों बंद की शिक्षक सम्मान योजना

पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ ने सरकार से फैसले पर जताई नाराजगी

 हमीरपुर— प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ ने मुख्यमंत्री शिक्षक सम्मान योजना को बंद करने के निर्णय पर नाराजगी व्यक्त की है। इस संदर्भ में संघ की कोर कमेटी अध्यक्ष केवल ठाकुर व प्रदेश महामंत्री यशवीर जम्वाल ने कहा कि यह  योजना 2016-17 में गुणात्मक शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत विज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी विषयों में बोर्ड परीक्षाओं में लगातार पांच वर्षों में 90 फीसदी से अधिक परिणाम देने वाले अध्यापकों को सेवा विस्तार व नकद प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान रखा गया था। इसके साथ यह भी आवश्यक था कि अध्यापक का परीक्षा परिणाम तभी मान्य होगा, जब पूरी कक्षा के छात्रों के औसत अंक 60 फीसदी से अधिक हों। यद्यपि इस पालिसी में अन्य विषय के अध्यापकों के लिए मौका नहीं था, लेकिन पुरस्कृत किए जाने वाले अध्यापकों कि संख्या पर भी कोई प्रतिबंध नहीं था। जानकारी की अनुसार इस योजना के अंतर्गत 19 पात्र अध्यापकों को सम्मानित किया जाना था, परंतु यह योजना लागू किए जाने से पहले ही यह कह कर बंद कर दी गई कि सरकार नई स्टेट ‘टीचर अवार्ड पालिसी’ ला रही है। स्टेट टीचर अवार्ड योजना एक अलग योजना है, जो पहले से ही लागू है। इसमें अध्यापकों को अपनी सेवा के दौरान परीक्षा परिणामों के साथ-साथ उत्कृष्ठ कार्यों के लिए राज्य एवं राष्ट्र स्तर पर सीमित संख्या में पात्र अध्यापकों को ‘अध्यापक दिवस’ के मौके पर सम्मानित किया जाता है। ये दोनों योजनाएं अलग-अलग हैं। इसलिए नई योजना के नाम पर इस पुरानी शिक्षक सम्मान योजना को निरस्त करना गलत है। अतः इस योजना को बंद नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इन काबिल आध्यापकों ने लगातार पांच वर्ष उत्कृष्ट परिणाम देकर सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणात्मकता बनाए रखने में अपना अहम योगदान दिया है। प्रदेश उपाध्यक्ष हरिमन, अनिल धीमान, विनोद शर्मा, प्रीतम कौशल, रविदास, संदीप डढवाल, जिला मीडिया प्रभारी दलजीत चौहान का कहना है कि भविष्य में इस योजना में अन्य विषयों के अध्यापकों को भी शामिल किया जाए।

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