खतरे में मत्स्य पालन

अभिषेक कुमार, धर्मशाला

मछली जिसे संस्कृत में मत्स्य भी कहा जाता है तथा सरकार ने जिसे पालने के लिए कई कदम उठाए हैं और जिसे पालने पर सरकार बल तथा ऋण दोनों उपलब्ध करवा रही है, परंतु कुछ लोगों के कारण यह उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। आजकल गर्मियों का मौसम है तथा इस समय में मछलियों की पैदावार में बढ़ोतरी और नए बच्चों का आगमन होता है। परंतु लोग अपने स्वार्थ के लिए पानी में ब्लीचिंग पाउडर जैसे घातक पदार्थों को मिला देते हैं, जिसके कारण बड़ी मछलियां और छोटे बच्चे भी मर जाते हैं। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कदम उठाए, ताकि हम मछली के अस्तित्व, जो कि पहले से ही खतरे में है, उसे हम किसी तरह बचा सकें।

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