चुवाड़ी उपमंडल में खुले फायर ब्रिगेड आफिस

चुवाड़ी —चंबा जिला में सबसे ज्यादा सुलगने वाले भटियात के जंगलों की हालत देख लोगों ने चुवाड़ी में फायर ब्रिगेड सेंटर का मसला उठा दिया है। तर्क यह है कि उपमंडल मुख्यालय चुवाड़ी कई क्षेत्रों का केंद्ग बिंदु है। साथ ही चंबा बहुत दूर है। ऐसे में जंगलों को बचाने का एकमात्र उपाय चुवाड़ी में फायर ब्रिगेड केंद्र खोले जाने पर ही हो सकता है। हिमालय बचाओ समिति ने इसके लिए द्गदेश सरकार को पाती भेज दी है। इसमें पशुपालन मंत्री के अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मुख्य सचिव, द्गधान अरण्यपाल और वन मंडल अधिकारी डलहौजी से भी पत्राचार किया गया है। जानकारी के अनुसार जिला में गर्मियों के दौरान भटियात के जंगलों में सबसे ज्यादा आग का कहर बरपता है। आग लगने पर अगर तुरंत चंबा सूचना दे भी दी जाए तो जिला मुख्यालय से चुवाड़ी आने में वाया डलहौजी 90 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। यही दूरी वाया जोत 55 किलोमीटर पड़ती है। लोगों का कहना है कि गाड़ी के आते आते बहुत देर हो जाती है। ऐसे में फायर ब्रिगेड केंद्ग चुवाड़ी में ही खुलना चाहिए। हिमालय बचाओ समिति सदस्य उत्तम चंद कौशल का कहना है कि चुवाड़ी में फायर ब्रिगेड सेंटर मील का पत्थर साबित होगा। यह केंद्र बिंदु है। इससे सिहुंता, ककीरा, मनहूता, रायपुरए बकलोह और जोत आदि क्षेत्र आसानी से कवर हो जाएंगे। क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग का मानना है कि चीड़ के पौधों के नीचे हरी घास नहीं पनपती। ऐसे में कई जंगल जल रहे हैं। सरकार को चाहिए कि जंगलों में चौड़ी पत्ती वाले पौधे लगाए जाएं। इससे पशुचारे की टेंशन भी खत्म हो जाएगी।

फोरेस्ट फायर बनी आफत

फोरेस्ट फायर बड़ी आफत बन गई है। इससे जहां सैकड़ों में बेजुबान जानवर शिकार हो रहे हैं वहीं वातावरण में गर्मी भी बढ़ रही है। करोड़ों की वन संपदा अब तक लपटों की भेंट चढ़ चुकी है।

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