डेंगू बुखार के घरेलू उपाय

डेंगू एक वायरस जनित रोग है, जो एडिज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है जो दिन के समय काटता है। इस मच्छर के काटने पर 3 से 14 दिनों में इसके लक्षण दिखने लगते हैं। डेंगू रोग की तीन अवस्थाएं होती हैं। पहली क्लासिकल जिसमें सिर दर्द व बुखार होता है। दूसरी अवस्था डेंगू हेमरेजिक फीवर की होती है जिसमें प्लेटलेट्स तेजी से गिरने पर रक्त स्राव की आशंका बढ़ जाती है। तीसरी स्थिति डेंगू शॉकिंग सिंड्रोम होती है, जिसमें ब्लड प्रेशर तेजी से गिरने पर मरीज की जान भी जा सकती है।

लक्षणों को पहचानें- डेंगू के रोगी को लगभग पांच दिनों तक तेज बुखार के साथ अधिक सर्दी लगती है। सिर दर्द, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, बुखार, थकावट, कमजोरी, हल्की खांसी, गले में खराश और उल्टी होने के साथ ही शरीर पर लाल रंग के दाने दिखाई देते हैं। ये दाने शरीर में दो चरणों में उभरते हैं। पहली बार शुरू से दो के तीन दिन में और दूसरी अवस्था में  रोग के दौरान छठे या सातवें दिन। इसके अलावा प्लेटलेट्स डेढ़ लाख से कम हो जाएं, तो शरीर के किसी भी अंग जैसे नाक और मुंह से रक्त बहने लगता है। खून की उल्टियां व मल में भी रक्त आने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

इन्हें है खतरा- कमजोर रोग, प्रतिरोधक क्षमता वाले जल्द बीमार पड़ते हैं। इसलिए बच्चे, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को अधिक खतरा रहता है।

प्लेटलेट्स बढ़ाने के आयुर्वेदिक नुस्खे- 

गिलोय का जूस-गिलोय के पांच-सात पत्तों या छह इंच की डाली को काटकर पानी से धो लें। मिक्सी में पानी डालकर ग्राइंड कर लें। इस जूस की 10 मिलिलीटर मात्रा को सुबह खाली पेट और इतनी ही मात्रा का रात को सोने से पहले लेने से प्लेटलेट्स बढ़ती है। डेंगू से बचाव के लिए इस प्रयोग को स्वस्थ व्यक्ति भी अपना सकता है।

ज्वारे का रस- ज्वारे व पानी को मिलाकर इसका जूस तैयार करें। मरीज को इसकी 40 मिलिलीटर मात्रा दिन में तीन बार चार-चार घंटे के अंतराल में खाने से पहले दें।

पपीते का रस- डेंगू से जल्दी उबरने के लिए पपीते के पत्तों का रस निकालें और दिन में एक चम्मच पिएं। इससे भी प्लेटलेट्स काउंट बढ़ते हैं।

अनार का जूस-खून की कमी की पूर्ति करने और प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए अनार का जूस बेहद फायदेमंद है। डेंगू पीडि़त व्यक्ति को रोजाना अनार का जूस देने से डेंगू से लड़ने में मदद मिलती है।

हारसिंगार का काढ़ा- इसके 5-7 पत्तों को एक गिलास पानी में उबालें। आधा पानी रह जाने पर इसे छान लें। 2-3 चम्मच 3-3 घंटे के अंतराल पर रोगी को दें। इससे बुखार कम होगा।

एक्नीसिया- एक्नीसिया ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिससे इम्युनिटी इतनी बढ़ती है कि शरीर को डेंगू का बुखार होने की संभावना ही कम होती है।

तुलसी बनेगी आपका सुरक्षा कवच- डेंगू के मरीज को तुलसी की चाय देनी चाहिए। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होगा। 10-12 तुलसी के पत्तों के साथ 4-5 काली मिर्च को पानी में उबालकर भी डेंगू के रोगी को दे सकते हैं। तुलसी को पानी में उबालकर उस पानी में शहद मिलाकर पीना फायदेमंद होता है।

होम्योपैथी में इलाज- मरीज को लक्षणों के आधार पर ल्यूपेटोरियम,जेल्सीमियम, एकोनाइट और बेलाडोना दवाएं दी जाती हैं। मरीज दवा के साथ परहेज का भी ध्यान रखे। पर्याप्त मात्रा में पानी के अलावा फलों का जूस पीते रहें। दलिया, खिचड़ी जैसा हल्का आहार लें। मिर्च-मसाले वाला भोजन, खट्टी चीजें व कच्चा प्याज न खाएं। दवाओं को खाली पेट व खाने से आधा घंटा पहले लें।

नेचुरोपैथिक उपाय- मरीज को ठंडे पानी के स्पंज से पोंछने के बाद सहने योग्य गर्म पानी में पैर डालने के लिए दें। कंबल से कवर कर सिर पर गिला कपड़ा रखें। ऐसा दस मिनट तक करें। इससे बुखार उतरेगा।

गर्म-ठंडा सेंक- मरीज के पेट पर दो मिनट के लिए हॉट वाटर बैग और एक मिनट के लिए आइस वाटर बैग रखें। पांच बार इसी प्रक्रिया को दोहराएं। थोड़ी सी सावधानी और इन नुस्खों को अपनाकर आप डेंगू बुखार से बचाव कर सकते हैं।

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