पाकिस्तानी गोलीबारी में पांच की मौत, 40 घायल

जम्मू — पाकिस्तान की ओर से जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के पास जारी गोलाबारी में बुधवार को पांच नागरिकों की मौत हो गई, जबकि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पांच जवान समेत 40 लोग घायल हो गए। गोलाबारी के कारण दहशत में जी रहे सीमावर्ती गांवों से 40 हजार लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा है। कुल मिलाकर बीएसएफ ने पिछले नौ दिनों में इलाके से करीब 100 गांवों के 76 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 1971 की जंग के बाद उन्होंने पहली बार ऐसी गोलाबारी का सामना किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बुधवार सुबह पाकिस्तानी सैनिकों ने कठुआ, सांबा और जम्मू जिलों में नियंत्रण रेखा के समीप भारतीय सेना की 30 अग्रिम चौकियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर की गई गोलाबारी में सांबा, कठुआ, आरएस पुरा और हीरानगर सेक्टर में पांच नागरिकों की मौत हुई है। गोलीबारी में बीएसएफ के पांच जवानों समेत 40 लोग घायल भी हुए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जम्मू मुख्यालय के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रमेश कोतवाल ने बताया कि सीमा पर लगातार गोलीबारी जारी है। उधर, अनंतनाग से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक संदिग्ध आतंकवादियों ने अनंतनाग के बिजबेहरा में सुरक्षा बलों के वाहन पर हथगोला फेंका। हथगोला अपने लक्ष्य की बजाय सड़क पर फटा गया, जिससे 10 लोग घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल में ले जाया गया। इसी बीच हमलावर घटनास्थल से भाग निकले। उधर,पाकिस्तानी गोलाबारी का सामना करके आरएसपुरा और अरनिया के कैंपों में आए लोगों का कहना है कि उन्हें लगता है कि जैसे वे जंग से घिरे किसी इलाके में रह रहे हों। चारों तरफ मोर्टार और स्वचालित हथियारों के चलने की आवाज है। चारों तरफ मारे गए और जख्मी लोग हैं। अरनिया में रहने वाले 71 साल के बिसनदास ने कहा कि 1971 के बाद उन्होंने कभी ऐसी गोलाबारी नहीं देखी। यहां तक कि जंग के दौरान भी पाकिस्तान ने कभी हमें इस तरह निशाना नहीं बनाया, लेकिन अब वह हम पर मोर्टार दाग रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान के खिलाफ जंग छेड़ने और एक बार में समस्या हल करने की अपील की है।

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