प्रदेश में अब यूं ही नहीं मिलेगा अवार्ड

एडीजीपी का खुलासा, पुलिस अफसरों को एनडीपीएस मामलों में आरोपी के अगले सोर्स तक पहुंचना जरूरी

बिलासपुर— हिमाचल प्रदेश में मादक द्रव्य अधिनियम के तहत ज्यादा से ज्यादा केस पकड़ने वाले पुलिस अफसरों को अवार्ड अब यूं ही नहीं मिलेगा। पुलिस अफसरों को ऐसे मामलों में पूरी तह यानी सोर्स तक पहुंचना पड़ेगा और आरोपी द्वारा दो नंबर में खड़ी की गई लाखों-करोड़ों की प्रॉपर्टी इत्यादि की विस्तृत जांच पड़ताल कर किसी मुकाम पर पहुंचने पर ही अवार्ड मिलेगा। पुलिस विभाग ने राज्य में यह नई व्यवस्था लागू कर दी है। यह खुलासा प्रदेश के एडीजीपी (लॉ एंड आर्डर) अनुराग गर्ग ने किया है है। उन्होंने बताया कि एनडीपीएस मामलों में पुलिस अफसरों को आरोपी को पकड़ने के बाद उसके अगले सोर्स तक पहुंचना अनिवार्य किया गया है। यही नहीं, ऐसे मामलों में पकड़े जाने वाले आरोपी द्वारा दो नंबर की कमाई से खड़ी की गई प्रॉपर्टी भी सीज की जाएगी। सबसे ज्यादा मामले पकड़ने और सोर्स तक पहुंचने वाले कर्मचारी व अफसर ही अवार्ड प्राप्त करने के हकदार होंगे। उन्होंने बताया कि पहले ज्यादा मामले पकड़ने वालों को सम्मानित किया जाता था, लेकिन साल-दर-साल बढ़ते जा रहे एनडीपीएस मामलों पर रोक लगाने के मद्देनजर पुलिस कर्मचारी व अफसरों को सम्मानित करने के लिए शुरू की गई इस योजना में बदलाव कर अब नई व्यवस्था लागू की गई है। अनुराग गर्ग के अनुसार प्रदेश की सभी जेलों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग की व्यवस्था हो चुकी है। लिहाजा कैदियों की पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग से हुआ करेगी। हालांकि अभी तक अत्यंत संवेदनशील मामलों के कैदियों के लिए ही यह व्यवस्था है, लेकिन अब प्रदेश से बाहर की जेलों में कैदियों की पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी। इसके लिए राज्यों से हाल ही में वार्ता भी की गई है। कई मामलों में पेशी के वक्त कैदी भागने में कामयाब रहते हैं, जिस कारण पुलिस विभाग को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

पुलिस विभाग तय करेगा विशेष सैल

एडीजीपी अनुराग गर्ग के अनुसार हिमाचल प्रदेश में मोबाइल फोन चोरी या फिर गुम होने मामलों की अब एक विशेष टीम के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाएगी। इस बाबत पुलिस विभाग जल्द ही एक विशेष सेल का गठन करने जा रहा है। मोबाइल कंप्लेंट्स पर त्वरित कार्रवाई के मददेनजर यह निर्णय लिया गया है। यह सैल कंप्लेंट मिलने के बाद अगले कुछ महीनों तक गुम या चोरी हुए मोबाइल के आईएमईआई नंबरों के जरिए ट्रेकिंग पर रखेगा, ताकि ऐसे मामलों को सॉल्व किया जा सके।

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