माफी मांगें एचआरटीसी के अधिकारी-कर्मचारी

पठानकोट रूट की बस का बखेड़ा

धर्मशाला— पठानकोट रूट पर चलने वाली हिमाचल की सबसे बड़े निजी बस आपरेटर की बस को लेकर बखेड़ा अभी खत्म नहीं हुआ है। मामले में एचआरटीसी कर्मियों को अभद्र भाषा इस्तेमाल करने पर एचआरटीसी के एमडी व धर्मशाला के डिवीजनल मैनेजर सहित तीन कर्मियों को कानूनी नोटिस जारी किया गया है। उन्हें 15 दिन के अंदर माफी मांगने को कहा गया है, अगर इस दौरान कर्मियों ने बिना शर्त माफी नहीं मांगी, तो उन पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। साथ ही नोटिस में एचआरटीसी के एमडी व धर्मशाला स्थित डिवीजनल मैनेजर से यह स्पष्ट करने को कहा है कि जिस वक्त एचआरटीसी के कर्मी धर्मशाला में प्रदर्शन कर रहे थे, तो क्या उन्होंने छुट्टी ले रखी थी, क्या उन्हें एचआरटीसी ने इस बात की अनुमति दी थी। अगर ऐसा नहीं है, तो फिर उनके खिलाफ क्या कार्रवाई अमल में लाई गई। अधिवक्ता अजय शर्मा के मार्फत जो कानूनी नोटिस भेजा गया है, उसमें कहा गया है कि उनके क्लाइंट के खिलाफ एचआरटीसी के कर्मियों ने पठानकोट रूट पर चलने वाली बसों को लेकर जिस भाषा का प्रयोग किया है, उससे बस मालिक की छवि को नुकसान पहुंचा है। इसके लिए प्रदर्शन करने वाले कर्मी अगर अब 15 दिन के भीतर बिना शर्त माफी नहीं मांगते हैं, तो उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर करने के साथ-साथ व्यक्तिगत तौर पर एक-एक करोड़ हर्जाने का भी दावा ठोका जाएगा।

कर चुके घेराव

पठानकोट रूट पर चलने वाली इस बस को लेकर एचआरटीसी कर्मी कुछ महीनों से विरोध जता रहे हैं। उनका आरोप है कि इन बसों को बस अड्डे पर जाने की अनुमति नहीं है। उनका कहना है कि बावजूद इसके बस सर्विस गलत तरीके से पठानकोट बस अड्डे पर बसें ले जाती है। इसी को लेकर यह बवाल मचा हुआ है। पिछले सप्ताह ही धर्मशाला में एचआरटीसी कर्मचारियों ने इसी बात को लेकर आरटीओ कार्यालय का घेराव किया था और निजी बस आपरेटर के खिलाफ हल्ला बोला था ।

गगरेट में ब्लेड फैक्टरी की मशीनरी सील

गगरेट — औद्योगिक क्षेत्र गगरेट में एक उद्योग की मशीनरी सील करने के बांबे हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर आए रिसीवर ने भारी पुलिस बल की तैनाती में उद्योग में लगी कई मशीनें सील कर दी। उद्योग प्रबंधन की ओर से अधिवक्ता विकास कश्यप ने इस कार्रवाई को एकतरफा करार देते हुए कहा कि मशीनरी पर दावा करने वाला पक्ष इसके पुख्ता सबूत नहीं दे पाया कि सील की जा रही मशीनरी उसी की है। बांबे हाई कोर्ट के इस आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

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