वाटरगार्ड्स के लिए नीति बनाएं

सुंदरनगर में बैठक के दौरान जलरक्षकों की सरकार से गुहार

सुंदरनगर – प्रदेश की विभिन्न पंचायतों में तैनात पांच हजार जलरक्षकों ने मुख्यमंत्री और आईपीएच मंत्री के गृह जिला से अपने हकों को लेकर हुंकार भर दी है। इस संबंध में सुंदरनगर के लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह में जलरक्षक संघ हिमाचल प्रदेश की राज्य स्तरीय बैठक हुई। इसमें प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामलाल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभिन्न जिलों से आए हुए जल रक्षकों की मांगों को सुना और उन्हें प्रदेश सरकार के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया। प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामलाल ने कहा कि आज तक जल रक्षकों के लिए कोई भी ठोस नीति सरकार ने नहीं बनाई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पेयजल की विभिन्न स्कीमों को आउटसोर्स किया जा रहा है और उन्हें ठेकेदारों के हाथों सौंपा जा रहा है। इस बात का उन्होंने कड़े शब्दों में विरोध जताया है और कहा है कि जो भी स्कीम ठेकेदार के अधीन चलाई जा रही है, वहां पर तैनात जल रक्षक को ठेकेदार के माध्यम से अच्छी तनख्वाह मासिक रूप से दी जा रही है, जबकि पंचायती राज विभाग के माध्यम से विभाग में रखेंगे जल रक्षकों को मानदेय के तौर पर 2000 के करीब ही वेतनमान मिल रहा है। उन्होंने सरकार को आगाह किया है कि अगर जल्द ही नीति नहीं बनाई गई तो आगामी चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा और जल रक्षक जल्द ही वर्क-टू-रूल के तहत काम करने के लिए विवश हो जाएंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल आइपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से मिलेगा और जलरक्षकों को को पेश आ रही समस्याओं से अवगत भी करवाएगा। इस अवसर पर बिलासपुर से नरेंद्र कुमार, कुल्लू से शिवदयाल, विजय कुमार, भीम सिंह, अरविंद ठाकुर, सुनील कुमार, सुरेंद्र कुमार, प्रेम सिंह, लीलाधर, नेत्र, पुष्पराज, सूरत राम, धनीराम समेत अन्य जलरक्षक मौजूद रहे।

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