वाह! चंबा को बेटी से हुआ प्यार

 चंबा  —प्रदेश में लिंगानुपात की दृष्टि से जिला चंबा चौथे पायदान पर है। लिंगानुपात के आंकड़ों में किन्नौर जिला पहले, कुल्लू दूसरे एवं अधिक क्षेत्रफल वाला जिला लाहौल स्पीति तीसरे स्थान पर है। लिंगानुपात के आंकड़ों का खुलासा शनिवार मुख्य चिकित्सा अधिकारी चंबा कार्यालय सभागार मंे पीएनडीटी एक्ट को लेकर आयोजित की गई कार्यशाला में हुआ है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी कांगड़ा डॉ राजेश गुलेरिया ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटंेशन के माध्यम से प्रदेश भर के  लिंगानुपात के आंकड़े प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश और चंबा जिला की स्थिति लिंगानुपात की दृष्टि से अन्य कई राज्यों की तुलना में बेहतर है किंतु फिर भी इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि चंबा जिला में 1981 में प्रति 1000 लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या 984 थी। अब वर्ष 2011 के आंकड़ों के मुताबिक यह 984 से गिरकर 953 हो गई है, पर अब इसमें सुधार आ रहा है।  इस दौरान प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के विभिन्न पहलुओं को लेकर भी जानकारी साझा की गई। श्री गुलेरिया ने बताया कि प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू करने की जरूरत है। साथ ही लिंगानुपात को लेकर समाज में जागरूकता का होना भी उतना ही आवश्यक है। कार्यशाला में जिला स्वास्थ्य अधिकारी चंबा डाक्टर राम कमल ने लोगों को अपनी सोच बदलने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि आज के समय में बेटियां ही मुकाम हासिल कर रही हैं। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला कांगड़ा डाक्टर आरएस राणा, जिला कार्यक्रम अधिकारी डाक्टर सुभाष चौहान, खंड स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर विपिन ठाकुर,  खंड स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर मान सिंह,  खंड स्वास्थ्य अधिकारी डा पद्मा अग्रवाल के अलावा विभिन्न स्वास्थ्य खंडों के हेल्थ सुपरवाइजर और गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

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