क्या है निपाह वायरस
निपाह मनुष्यों और जानवरों में फैलने वाला एक गंभीर इन्फेक्शन (वायरस) है। यह वायरस एन्सेफलाइटिस का कारण होता है, इसलिए इसे निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस भी कहा जाता है। निपाह वायरस हेंड्रा वायरस से संबंधित है। यह इंफेक्शन फ्रूट बैट्स के जरिए फैलता है।
कैसे फैलता है निपाह वायरस
निपाह वायरस मनुष्यों के संक्रमित सुअर, चमगादड़ या अन्य संक्रमित जीवों से संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस एन्सेफलाइटिस का कारण बनता है। यह इन्फेक्शन फ्रूट बैट्स के जरिए लोगों में फैलता है। खजूर की खेती करने वाले लोग इस इन्फेक्शन की चपेट में जल्दी आते हैं। 2004 में इस वायरस की वजह से बांग्लादेश में काफी लोग प्रभावित हुए थे।
क्या हैं इसके लक्षण
इससे पीडि़त मनुष्य को इस इन्सेफलेटिक सिंड्रोम के रूप में तेज संक्रमण बुखार, सिरदर्द, मानसिक भ्रम, विचलन, कोमा और आखिर में मौत होने के लक्षण नजर आते हैं। मलेशिया में इसके कारण करीब 50 फीसदी मरीजों की मौत तक हो गई थी।
बचाव के तरीके
मनुष्यों में निपा वायरस ठीक करने का एक मात्र तरीका है सही देखभाल। रिबावायरिन नामक दवाई वायरस के खिलाफ प्रभावी साबित हुई है। हालांकि, रिबावायरिन की नैदानिक प्रभावकारिता मानव परीक्षणों में आज तक अनिश्चित है। इसके अलावा संक्रमित सुअर,चमगादड़ या अन्य सक्रमित जीवों से दूरी बनाए रखें। हालांकि मनुष्यों या जानवरों के लिए कोई विशिष्ट एनआईवी उपचार या टीका फिलहाल मौजूद नहीं है। निपाह से संक्रमित होने का मामला मलेशिया के फर्म में भी सामने आया, जहां एक सूअर को इस खतरनाक वायरस ने चपेट में लिया। जबकि बांग्लादेश और भारत में मनुष्यों से मनुष्यों में वायरस फैलने के भी मामले सामने आए हैं। इसलिए अस्पतालों में इस वायरस से संक्रमित मरीजों की देखभाल की जा रही है और बूचड़खानों से भी सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं।