सोसायटी गबन में आठ को जेल

कक्ड़यार सेवा सहकारी सभा में हेराफेरी के दोष साबित

हमीरपुर – ऋण आबंटन मामले में कक्ड़यार कृषि सेवा सहकारी सभा के सचिव व आडिटर को कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। सचिव को पांच साल को कठोर कारवास भुगतान होगा। इसके साथ ही पांच हजार रुपए जुर्माना डाला गया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में छह माह का अतिरिक्त कारवास भुगतान होगा। वहीं एक अन्य मामले में भी इसे तीन साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी, साथ ही सभा के आडिटर को भी चार साल के कठोर कारावास की सजा हुई है। इसे तीन हजार रुपए जुर्माना डाला गया है। जुर्माना अदा न करने पर एक साल का अतिरिक्त कारवास भुगतान होगा। इसके साथ ही सभा से जुड़े छह अन्य लोगों को पांच साल कठोर कारावास की सजा हुई है।  जानकारी के अनुसार जिला न्यायवादी चंद्रशेखर के अनुसार पांच नवंबर, 2009 को दिले राम धीमान सहायक रजिस्ट्रार सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं हमीरपुर ने थाना में मामला दर्ज करवाया था। इसमें कहा गया था कि कक्ड़यार सहकारी सभा के सचिव सुनील कुमार व अन्य सदस्यों ने लोगों को दिए गए ऋण माफी में अनियमितता बरती हैं। इसकी जांच जगदीश चंद जम्वाल निरीक्षक सहकारी सभाएं हमीरपुर ने की।  जांच में पाया गया कि ऋण माफी में अनियमितताएं बरती गई हैं। वहीं कुछ रिकार्ड भी जला दिया गया था। जांच में सभा के आडिटर चुनी लाल द्वारा गलत ऑडिट करना पाया गया।  मुकदमे की पैरवी जिला न्यायवादी चंद्रशेखर भाटिया व उप न्यायवादी अनुज शर्मा द्वारा की गई। मुकदमे में सरकार की तरफ से 28 गवाह पेश किए गए। अदालत में दोष साबित होने के बाद उक्त सजा सुनाई गई है। इसके अलावा इस मामले में सभा के दोषी रतन चंद डोगरा, संतोष कुमार, राजकुमार, बहादुर सिंह, मदन लाल व केहर सिंह को धारा 420 आईपीसी में पांच साल कठोर कारावास तथा पांच हजार जुर्माना डाला गया है। धारा 120 में तीन साल कठोर कारावास व तीन हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

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