हरियाणा में गर्मी पर अलर्ट जारी

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस कर दिए निर्देश, यमुनानगर-कैथल-पंचकूला में उपायुक्तों ने लोगों को दिए सुझाव

पंचकूला— प्रदेश में बढ़ती गर्मी के साथ चल रही गर्म हवाओं से बचाव  के बारे मे जन मानस को जागरूक करते हुए सम्बन्धित विभाग के अधिकारी पीने के पानी एवं बिजली की समुचित व्यवस्था का प्रबंध प्राथमिकता के आधार पर करें। यह निर्देश राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव  केशनी आनंद अरोड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रैंस के माध्यम से जिला उपायुक्तों को दिए। उन्होंने कहा कि बढ़ती गर्मी एवं लू के चलते शहरों एवं गांवों में पीने के पानी की व्यापक व्यवस्था रखें। जहां कहीं भी पीने के पानी की कमी है वहां पर पानी के टैंकरों की व्यवस्था समय रहते करना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने गांवों में बने जोहड़ों, तालाबों में पशुओं के पीने के लिए भी पानी की समुचित व्यवस्था के निर्देश भी दिए। उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि इस मौसम में मीडिया के माध्यम से आम जन मानस को अपील कर जागरूक करें कि दोपहर के समय विशेषकर 12 बजे से 3 बजे तक घर से बाहर न निकलें और यदि अगर आवश्यक कार्य से बाहर निकलना हो तो अपने सिर और मुह को ढककर चलें व इसके साथ ही छोटे बच्चों को लू से बचाव बारे आवश्यक ऐतियात भी बरतें।  इसके बाद बढ़ती गर्मी से बचाव के लिए आमजन को दैनिक जीवन में एहतियात बरतने की सलाह देते हुए उपायुक्त गिरीश अरोड़ा, पंचकूला के उपायुक्त  मुकुल कुमार और कैथल की उपायुक्त ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी जरूरी जिम्मेदारियां निभाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला वासियों को परामर्श देते हुए कहा कि लू से बचने के लिए एहतियात बरतें। उन्होंने कहा कि स्थानीय मौसम की भविष्यवाणी के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें ताकि उन्हें समय-समय पर गर्म हवाओं व लू की जानकारी मिल सके। धूप में बाहर जाने के दौरान हल्के रंगों के ढीले फीटिंग के तथा सूती कपड़े पहनें तथा सुरक्षात्मक चश्में, छाता, पगड़ी, टोपी, जूते या चप्पल का उपयोग करें तथा यात्रा करते समय अपने साथ पानी अवश्य रखें। यदि आप बाहर काम करते हैं तो टोपी या छाते के उपयोग करें। इसके साथ—साथ सिर, गर्दन, चेहरे और अंगों पर नम कपड़ा रखें। शरीर को पुनः हाईड्रेट करने के लिए ओआरएस या घर के बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नींबू पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें। गर्मी के स्ट्रोक, गर्मी के दाने या गर्मी से एंठन जैसे कि कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, मिरगी और दौरे के लक्षणों को पहचाने तथा यदि बेहोश या बीमार महसूस करें तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि जानवरों को छाया में रखें और उन्हें भी प्रयाप्त मात्रा में पानी दें। अपना घर ठंडा रखें। दिन के दौरान पर्दे, पटर का उपयोग करें। रात में खिड़कियां खुली रखें तथा पंखों व नम कपड़ों का प्रयोग करें व ठंडे पानी से नहाएं। कार्यस्थल के पास ठंडा पेयजल उपलब्ध करवाएंए श्रमिकों को प्रत्यक्ष सूर्य के समक्ष होने वाले कार्यों से बचाएं और श्रमयुक्त कार्यों को दिन के ठंडे समय के दौरान करें।  बाहरी गतिविधयों के दौरान आराम के समय को बढाएं और गर्भवती, मजदूरों का चिकित्सकीय परामर्श की स्थिति में अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि गर्म हवाओं व लू के समय खड़े किए हुए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें, दोपहर 12 से तीन बजे के बीच बाहर जाने से बचें।

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