हिमाचल के पांच दवा उद्योगों के लाइसेंस सस्पेंड

ड्रग कंट्रोलर ने दवा उत्पादन भी रोका, बार-बार दवाएं सब-स्टैंडर्ड पाए जाने पर गाज

बीबीएन— हिमाचल के पांच दवा उद्योगों पर राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इनके दवा निर्माण लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं। इसके साथ ही इन दवा उद्योगों में अगले आदेशों तक दवा उत्पादन भी रोक दिया गया है। राज्य दवा नियंत्रक ने यह कार्रवाई उन उद्योगों पर की है, जिनमें निर्मित दवाएं बार-बार सबस्टैंडर्ड पाई जा रही थीं। सनद रहे कि स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के आदेशों के बाद प्राधिकरण ने ऐसे करीब 21 उद्योग शार्टलिस्ट किए थे, जिनमें निर्मित दवाएं बार-बार गुणवत्ता के  पैमाने पर खरी नहीं उतर रही थीं। कई चरणों की जांच के बाद इनमें से 14 दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी हुए थे, जिनमें से पांच दवा उद्योगों ने नोटिस के बाद भी इंतजाम दुरुस्त नहीं किए। इन्ही पांच उद्योगों पर अब राज्य दवा नियंत्रक ने कड़ी कार्रवाई अमल में लाते हुए प्रोडकट लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं। प्राधिकरण द्वारा ऐसे ही नौ और दवा उद्योगों की भी जांच की जा रही है, अगर वे भी जांच में फे ल साबित हुए तो उन पर भी गाज गिरनी तय है। फिलवक्त राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण के इन तल्ख तेवरों ने दवा निर्माताओं में हड़कंप मचा दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कई चरणों की जांच में हिमाचल के पांच दवा उद्योग, जिनमें बद्दी स्थित स्कॉट एडिल, अवांस हैल्थ केयर बद्दी, निर्माया फार्मा बद्दी, रौंस रोबिंस सोलन व संसारपुर टैरेस स्थित मिडांस फार्मा मानकों की पालना करने में विफल साबित हुए हैं। सालाना सैकड़ों करोड़ के टर्नओवर वाले इन उद्योगों में टेबलेट, इंजेक्शन, कैप्सूल का निर्माण होता है। बहरहाल इन दवा उद्योगों में नियमों की अनुपालना और कोई सुधार न होते देख राज्य प्राधिकरण ने इनके प्रोडक्ट लाइसेंस सस्पेंड करने के साथ-साथ दवा उत्पादन पर पूरी तरह रोक लगाने का कदम उठाया है।

गुणवत्ता से खिलवाड़़ नहीं होगा बर्दाश्त

राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाहा ने बताया कि बद्दी, सोलन व संसारपुर टैरेस स्थित पांच दवा उद्योगों के दवा निर्माण लाइसेंस सस्पेंड कर अगले आदेशों तक दवा उत्पादन भी रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि इन उद्योगों पर कार्रवाई से पहले विस्तृत जांच करवाई गई, जिसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर यह एक्शन लिया गया है। दवा निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इंटेलिजेंस सैल रखेगा उद्योगों पर नजर

हिमाचल के दवा उद्योगों में गुणवत्ता पूर्ण दवा निर्माण और नियामक तंत्र को सशक्त करने के मकसद से राज्य दवा नियामक ने इंटेलिजेंस सैल का भी गठन किया है। सहायक दवा नियंत्रक की अगवाई वाले पांच सदस्यीय इंटेलिजेंस सैल में राज्य दवा नियामक व सीडीएससीओ सब जोन बद्दी के अधिकारी शामिल किए गए हैं। यह सैल दवा उद्योगों पर पैनी नजर रखेगा और दवाओं के सबस्टैंडर्ड पाए जाने के मामलों पर अकुंश लगाने के लिए भी प्रयास करेगा।

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