हिमाचल में 1700 भगोड़े अपराधी

इनाम घोषित होने के बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर

शिमला— हिमाचल में भगोड़े अपराधियों की बड़ी फौज है। राज्य में अभी 1700 से अधिक भगोड़े अपराधी है, जो कि यहां की पुलिस को खूब छका रहे है। भगोड़ों को धरने के लिए पुलिस विभाग भी गंभीर है। यही वजह है कि विभाग ने भगोड़ों को पकड़ने वाले जवानों को इनाम देने तक का ऐलान कर रखा है। इसके बावजूद कम ही भगोड़े पुलिस के हत्थे चढ़ रहे हैं। पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में बीते दिसंबर माह तक करीब 1859  की तलाश थी, जो कि कि आपराधिक वारदात के बाद से फरार चल रहे हैं। ऐसे में इनको उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया है। हालांकि इनको पकड़ने के लिए पुलिस हाथ-पांव मार रही है। पुलिस मुख्यालय की ओर से भी ऐसे अपराधियों को पकड़ने के विशेष आदेश जिलों के अधिकारियों और थाना प्रभारियों को दे रखे हैं। पुलिस भी हालंकि इनकी धरपकड़ को लेकर कार्रवाई कर रही है, लेकिन इसमें ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पा रही है। पुलिस के प्रयासों के बावजूद बीते तीन माह में ( जनवरी से लेकर मार्च तक) 71 उद्घोषित अपराधियों को ही पकड़ा जा सका है। वहीं अभी भी करीब 1788 भगोडे़ अभी पुलिस की पकड़ में बाहर है। राज्य में उद्घोषित अपराधियों के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा 335 भगोड़े शिमला जिला में हैं। वहीं दूसरे स्थान पर सोलन ह,ै जहां 281 की तलाश है। वहीं मंडी में 240 आरोपी पुलिस को चकमा दे चुके हैं। कांगड़ा के 230 आरोपी उद्घोषित अपराधी करार दिए गए हैं। वहीं ऊना  में 178,  बीबीएन  में 148, बिलासपुर में 80, चंबा में 60, हमीरपुर में 48, किन्नौर में 30, कुल्लू में 95, सिरमौर में 48 उद्घोषित अपराधियों को पुलिस को सरगर्मी से तलाश है। राज्य में लाहुल स्पिति में मात्र पांच भगोड़े आरोपी हैं और सीआईडी को सात भगोड़ों व रेलवे एंड ट्रैफिक पुलिस को तीन भगोड़े आरोपियों की तलाश है। इस तरह राज्य में जनवरी से मार्च माह तक पकड़े गए 71 भगोड़ों को पकड़ने के बाद 1788 अभी भी पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। राज्य में भारी भगौड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए राज्य पुलिस ने ईऩामी योजना (रिवार्ड स्कीम) शुरू कर रखी है, इसके तहत इन अपराधियों को पकड़ने वाले जवानों को प्रशंसा पत्र और डीजीपी डिस्क के सम्मानित किया जा रहा है।

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