450 करोड़ रुपए लगात
नया मॉडल भारतीय मौसम विभाग, पुणे स्थित इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ ट्रापिकल मेटियोरोलॉजी तथा नोएडा स्थित राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वैज्ञानिकों ने मिलकर विकसित किया है। इसमें पुणे और नोएडा स्थित केंद्रों में 450 करोड़ रुपए की लगात से आठ पेटाफ्लॉप स्पीड वाले कंप्यूटर लगाने तथा आंकड़ों के विश्लेषण की बेहतर तकनीकों के इस्तेमाल का योगदान रहा है।
12 किलोमीटर के दायरे में दी जा सकेगी चेतावनी
रिजॉल्यूशन बेहतर होने के अलावा मुख्य बदलाव यह होगा कि अब तक जहां मौसम विभाग की ‘बारिश, शीतलहर आदि की संभावना’ की बात कहता था, अब वह संभाव्यता का प्रतिशत भी बताएगा। श्री राजीवन ने बताया कि पहले मौसम विभाग प्रशासन को यह बताता था कि इस 23 किलोमीटर के दायरे में भारी बारिश, लू या शीतलहर की संभावना है। अब वह 12 किलोमीटर के दायरे के लिए चेतावनी जारी करने की स्थिति में होगा। इससे प्रशासन बेहतर तरीके से उस इलाके पर फोकस कर पाएगा। हालांकि यह मॉडल आंधी-तूफान के साथ बिजली कड़कने के पूर्वानुमान में सुधार नहीं कर पाएगा। इस मॉडल के पूर्वानुमान का लाभ कृषि, जल संसाधन, पर्यटन तथा सौर एवं पवन ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतर प्रबंधन के लिए भी किया जा सकेगा।