एमएमयू में एमबीबीएस  का स्टेट कोटा डबल

महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी में 50 फीसदी सीटें देने की तैयारी, हाई कोर्ट ने सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

शिमला— एमबीबीएस के कोटे को लेकर विवादों में रही महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी (एमएमयू) का स्टेट कोटा दो गुणा किया जाएगा। राज्य सरकार ने यहां स्टेट कोटे को 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट को अवगत करवाया है, जिसने सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। स्टेट फीस निर्धारण कमेटी द्वारा महर्षि मार्कंडेश्वर विश्व विद्यालय में एमबीबीएस कोर्स के लिए फीस निर्धारित किए जाने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका में प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय में एमबीबीएस कोर्स के लिए स्टेट कोटा सीट का निर्धारण बारे निर्णय ले और स्टेटस रिपोर्ट दायर करे। राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय में एमबीबीएस कोर्स के लिए स्टेट कोटे को 25 फीसदी से 50 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लेने जा रही है। न्यायाधीश धरमचंद चौधरी और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 27 जून को निर्धारित की है। ज्ञात रहे कि स्टेट फीस निर्धारण कमेटी द्वारा आठ मार्च को विश्वविद्यालय में एमबीबीएस कोर्स के लिए फीस का निर्धारण किया गया, जिसके तहत आईआरडीपी वाले छात्रों के लिए वही फीस रखी गई, जो कि सरकारी कालेज में जनरल श्रेणी के छात्रों के लिए हैं। स्टेट कोटे के अंतर्गत भरी गई सीटों के लिए इस समय पांच लाख फीस है और सत्र 2016-2017 के लिए पांच फीसदी, सत्र 2017-2018 के लिए दस फीसदी और सत्र 2018-2019 के लिए पंद्रह फीसदी फीस बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह मैनेजमेंट कोटे के लिए भी यही फीस वृद्धि निर्धारित की गई है।

एक जैसी होगी फीस

प्रार्थी विश्वविद्यालय ने हाई कोर्ट के समक्ष दलील दी है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार सभी निजी शिक्षण संस्थानों में एक जैसी फीस होनी चाहिए। प्रार्थी विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया कि यदि सरकार एमबीबीएस छात्रों को राहत देना चाहती है, तो उस स्थिति में सरकार को उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए, ताकि उनके निजी संस्थानों में फीस कम की जानी चाहिए, जिससे निजी संस्थान घाटे में रहते हैं। प्रार्थी विश्वविद्यालय ने अदालत के ध्यान में लाया कि फीस निर्धारण के इस निर्णय के संबंध में प्रार्थी ने स्टेट फीस निर्धारण कमेटी के समक्ष प्रतिवेदन किया है और गुहार लगाई है कि फीस निर्धारण बारे पुनरावलोकन किया जाए।

एचपीयू में एमबीबीएस बीडीएस के लिए 3998 आवेदन

शिमला — प्रदेश विश्वविद्यालय की एमबीबीएस, बीडीएस के लिए 3998 के करीब आवेदन प्राप्त हुए हैं। ये आवेदन विवि को एमबीबीएस की 750 और बीडीएस की 340 सीटों के लिए प्राप्त हुए हैं। एचपीयू की ओर से नीट उत्तीर्ण अभ्यार्थियों के लिए मेडिकल और डेंटल कालेजों में प्रवेश के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 जून रखी थी, जिसके बाद एक दिन का समय अभ्यर्थियों को ऑनलाइन किए गए आवेदन में सुधार के लिए दिया गया। इस एक दिन के समय में अभ्यर्थियों ने अपने-अपने आवेदनों की गलतियों में सुधार किया। सुधार होने के बाद अब प्रशासन आवेदनों की छंटनी प्रक्रिया पूरी कर नीट की स्टेट मैरिट प्रवेश प्रक्रिया के लिए जारी कर देगा। 25 जून को विश्वविद्यालय की ओर से एमबीबीएस, बीडीएस के प्राप्त आवदेनों के आधार पर मैरिट की सूची जारी कर दी जाएगी। एचपीयू की ओर से मैरिट सूची जारी करने के बाद एमबीबीएस, बीडीएस की सीटें भरने के लिए काउंसिलिंग करवाई जाएगी। इसके लिए शेड्यूल भी एचपीयू ने तय कर लिया है। एचपीयू ने छह सरकारी मेडिकल कालेजों की सौ-सौ सीटें मैरिट और 85 सीटें स्टेट सहित 15 सीटें आल इंडिया कोटे के तहत भरनी हैं। सोलन के निजी मेडिकल कालेज की 150 सीटें स्टेट कोटे और मैनेजमेंट की सीटें 75ः75 के अनुपात से भरनी हैं।

एनआरआई कोटे की सीटों में कटौती

प्रदेश मेडिकल कालेजों में इस वर्ष तय एनआरआई कोटे की सीटों में कटौती की गई है। सरकार ने ये सीटें 34 से घटाकर 20 कर दी हैं। कटौती अब सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए फायदेमंद होगी। इसके तहत जो 14 सीटें बची हैं, उस पर सामान्य वर्ग के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। आईजीएमसी शिमला, मेडिकल कालेज मंडी नेरचौक में दो-दो सीटें मेडिकल कालेज हमीरपुर, चंबा, तांडा सहित डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज नाहन में एनआरआई कोटे की चार-चार सीटें तय हैं।