अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना सभी शाखाओं में स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में अध्यापन के पैटर्न विकसित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय महत्त्व के एक संस्थान के रूप में की गई थी, ताकि भारत में चिकित्सा शिक्षा के उच्च मानक प्रदर्शित किए जा सकें तथा स्वास्थ्य गतिविधि की सभी महत्त्वपूर्ण शाखाओं में कार्मिकों के प्रशिक्षण हेतु उच्चतम स्तर की शैक्षिक सुविधाएं एक ही स्थान पर लाने और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में आत्मनिर्भरता पाई जा सके। संस्थान में अध्यापन, अनुसंधान और रोगियों की देखभाल के लिए व्यापक सुविधाएं हैं।
एम्स द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही स्तरों पर चिकित्सा तथा पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में अध्यापन कार्यक्रम चलाए जाते हैं और यह छात्रों को अपनी ही डिग्री देता है। यहां 42 विषयों में अध्यापन और अनुसंधान आयोजित किए जाते हैं। एम्स में एक नर्सिंग महाविद्यालय भी चलाया जाता है और यहां बीएससी ऑन नर्सिंग पोस्ट प्रमाण पत्र डिग्री के लिए छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। हिमाचल में एम्स की स्थापना होने से लोगों को बाहरी राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा।