‘खिला रहेगा इंद्रधनुष’ पर बन रही टेलीफिल्म 

धर्मशाला — ‘एक सिख फौजी हिमाचली युवती को दिल दे बैठता है। युवती से उसकी मुलाकात टॉय ट्रेन में होती है। सुरंगों और मनमोहक घाटियों के बीच गुजरती ट्रेन के एक ही कोच में दोनों सवार हैं।’ टॉय ट्रेन का सफर तो शिमला पहुंचकर खत्म हो जाता है, लेकिन दोनों के बीच एक-दूसरे की दुनिया और एक-दूसरे को जानने-समझने का सफर शुरू हो जाता है। इसी ताने-बाने पर उपन्यास की शुरुआत होती है। हिमाचल साहित्य अकादमी से पुरस्कृत कवि व देश के जाने-माने व्यंग्यकार, उपन्यासकार व कहानीकार गुरमीत बेदी के इसी उपन्यास ‘खिला रहेगा इंद्रधनुष’ पर अब एक टेलीफिल्म बनने जा रही है।  गुरमीत बेदी का लिखा वह गीत भी इस टेलीफिल्म का हिस्सा है, जिसे ऊना जिला में बतौर जिला लोक संपर्क अधिकारी तैनाती के दौरान जिला प्रशासन ने अपनी कॉलर ट्यून बनाया था। गुरमीत बेदी हिमाचल प्रदेश सूचना व जनसंपर्क विभाग में उपनिदेशक हैं और उनके तीन उपन्यास, दो कहानी संग्रह, दो कविता संग्रह, तीन व्यंग्य संग्रह व शोध की एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है।