शिमला के जल संकट पर एक्शन प्लान

राजधानी को भविष्य में तर रखने के लिए सरकार ने बनाईं शार्ट, मीडियम व लांग टर्म योजनाएं

शिमला— राजधानी शिमला में संभावित जल संकट से निपटने के लिए हिमाचल सरकार ने मजबूत प्लान तैयार किया है। इसके तहत जयराम सरकार ने शॉर्ट, मीडियम और लांग टर्म के लिए तीन अलग-अलग एक्शन प्लान तैयार किए हैं। अगले साल जल संकट टालने के लिए शॉर्ट टर्म प्लान ए-बी तैयार किए गए हैं। अगले दो से तीन सालों तक राजधानी शिमला को पर्याप्त जलापूर्ति के लिए मीडियम टर्म का ठोस प्लान तैयार किया गया है। इसी तर्ज पर अगले पांच साल तक शिमला में पेयजल संकट पैदा न हो इसके लिए लांग टर्म एक्शन प्लान पुख्ता किया गया है। इस बार शिमला को गहरे जख्म देने वाले जल संकट प्लान पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो दर्जन समीक्षा बैठकें आयोजित की हैं। मुख्य सचिव विनीत चौधरी और अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह की अगुवाई में अलग-अलग मीटिंग के दौरान जल संकट का खाका तैयार हुआ है। इस आधार पर मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद हिमाचल सरकार ने जल संकट से निपटने के लिए अपना एक्शन प्लान तैयार किया है। अहम है कि इसका खाका शहरी विकास विभाग ने मुख्य सचिव को सौंपा है। इसकी पुष्टि करते हुए मुख्य सचिव विनीत चौधरी का कहना है कि तीनों टर्म के इन अलग-अलग प्लान पर कुल 943.47 करोड़ का खर्च प्रस्तावित है। इसमें अमृत योजना के तहत 71.56 करोड़ की राशि का प्रावधान कर लिया गया है। विश्व बैंक के तहत 710 करोड़ स्वीकृत है। हिमाचल सरकार अपने संसाधनों से 161.91 करोड़ खर्च करेगी।

कोई प्यासा नहीं रहेगा

मुख्य सचिव विनीत चौधरी का कहना है कि कई समीक्षा बैठकों और मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के बाद जल संकट के निपटारे के प्लान तैयार किए गए हैं। इस आधार पर निकट भविष्य में शिमला शहर को जल संकट की समस्या पैदा नहीं होगी।

फरवरी से काम

इसका खाका तैयार करने वाले वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह का कहना है कि प्लान शॉर्ट टर्म के तहत फरवरी माह में जल संकट की संभावनाओं पर कार्य आरंभ हो जाएगा। इसके चलते मई-जून में ही जल प्रबंधों के लिए प्रावधान कर लिए जाएंगे।