समसामयिकी : अग्नि-5

भारत ने रविवार को अग्नि-5 मिसाइल का अब्दुल कलाम आईलैंड के इंटेग्रेटिड टेस्ट रेंज (आईटीआर) से सफल परीक्षण किया गया है। यह परीक्षण ओडिशा के बालासोर जिले में हुआ। इस आईलैंड को व्हीलर आईलैंड के नाम से भी जाना जाता है। इस बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण लांच पैड नंबर 4 से सुबह के 9.48 मिनट पर किया गया। यह छठवीं बार है जब मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। इसका आखिरी बार सफल परीक्षण इसी साल 18 जनवरी को किया गया था। अग्नि-5 का पहला परीक्षण 19 अप्रैल, 2012 को किया गया था। दूसरी बार सितंबर 15, 2013 को,  तीसरी बार 31 जनवरी, 2015 को और चौथी बार 26 दिसबंर, 2016 को इसका परीक्षण हुआ। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेश निर्मित यह परमाणु क्षमता वाली सरफेस-टू-सरफेस मिसाइल 5000 से 8000 किलोमीटर तक के दायरे में निशाना साध सकती है। यह चीन के लगभग हर हिस्से में पहुंच सकती है। 50 टन के भार वाली इस मिसाइल की लंबाई 17 मीटर और चौड़ाई 2 मीटर है। यह अपने साथ एक टन से ज्यादा के परमाणु हथियार ले जा सकती है। अग्नि-5 का आखिरी बार दिसंबर 2016 में परीक्षण किया गया था जिसे यह कहकर परिभाषित किया गया था कि यह इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम)का आखिरी परीक्षण है। अग्नि-5 अग्नि सीरीज की मिसाइलें हैं, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है। आपको बता दें कि भारत के पास पहले से ही अग्नि-1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइलें हैं। इन्हें पाकिस्तान के खिलाफ  बनाई गई रणनीति के तहत तैयार किया गया है। वहीं अग्नि-4 और अग्नि-5 को चीन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है

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