हिमाचल पर्यटन को 1900 करोड़

एशियन विकास बैंक ने दी जयराम सरकार को सबसे बड़ी सौगात 

शिमला— हिमाचल को पर्यटन के लिए अब तक की सबसे बड़ी 1900 करोड़ की सौगात मिली है। एशियन विकास बैंक ने हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार के इस मेगा प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान की है। इस परियोजना से राजधानी शिमला की तर्ज पर हिमाचल के नौ शहरों का कायाकल्प होगा। इससे पार्क, व्यू प्वाइंट, रेलिंग, ड्रेनेज, स्ट्रीट लाइट तथा टाइलों वाले पक्के रास्तों का निर्माण होगा। हेरिटेज भवनों को सहेजने के लिए भारी-भरकम बजट का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों के निर्माण तथा ईको एडवेंचर प्रोत्साहन के लिए परियोजना में बजट का प्रावधान है। इस मेगा प्रोजेक्ट से सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट किया जाएगा और स्किल डिवेल्पमेंट के तहत पर्यटन विभाग बेरोजगारों को ट्रेंड करेगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग ने एशियन विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित लगभग 1900 करोड़ रुपए की पर्यटन अधोसंरचना विकास परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है। इससे हिमाचल प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन अधोसंरचना विकसित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एशियन विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित नई परियोजना से हम प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के अनछुए पर्यटन गंतव्यों को विकसित करने और शहरों में अधोसंरचना स्तरोन्नत करने में सक्षम होंगे। इसके अतिरिक्त, स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रदर्शित कर सकेंगे। इससे पूर्व, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह ने गुरुवार को आर्थिक मामले विभाग में इस परियोजना पर प्रस्तुति दी। परियोजना के अंतर्गत पर्यटन अधोसंरचना विकसित कर, ग्रामीण, साहसिक व ईको पर्यटन के क्षेत्रों में आजीविका व रोजगार के अवसर सृजित कर नए व ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन विविधिकरण पर बल दिया जाएगा। इसी प्रकार, जलापूर्ति, मल निकासी, ठोस कचरा प्रबंधन, पर्यटन क्षेत्र से जुड़ा कौशल उन्नयन, विज्ञापन व विपणन जैसी सेवाओं को शुरू करने तथा समुदाय आधारित पर्यटन गतिविधियां के लिए प्रोत्साहन आधारित तंत्र जैसे अभिनव मॉडल को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना सैलानियों की संतुष्टि बढ़ाएगी तथा राज्य में बार-बार आने को प्रोत्साहित करेगी। यह हिमालयी राज्यों के लिए दीर्घकालिक पर्यटन का सबसे बेहतर आदर्श होगा। परियोजना में कठोर एवं लचीले दोनों संघटक होंगे तथा शहरों का सौंदर्यीकरण, अनछुए क्षेत्रों का विकास, स्मारक भवनों का जीर्णोद्धार एवं संरक्षण, साहसिक अधोसंरचना का विकास, सामुदायिक सहभागिता से ईको ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा और रोजगार सृजन गतिविधियों का समावेश होगा।