60 कस्टम हाइरिंग सेंटर स्थापित

यमुनानगर में विभिन्न विभागों के कर्मियों ने ली कृषि जानकारी

यमुनानगर— कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा लघु सचिवालय के सभागार मे कृषि यन्त्रों द्वारा यथावत फसल अवशेष प्रबन्धन व सीएचसी स्थापना हेतू कृषि विभाग, बागवानी, राजस्व व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए बैठक, प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर डा. अर्जुन सिंह सैनी, महानिदेशक बागवानी, हरियाणा, पंचकूला ने शिरकत की। डा. अर्जुन सिंह सैनी, महानिदेशक बागवानी, हरियाणा, पंचकूला ने किसानों को बताया कि कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन व कस्टम हाइरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। अतः किसान इस अनुदान का पूरा फायदा उठाकर कस्टम हाइरिंग सेंटर स्थापित करें व फसल अवशेषो को मिटटी में ही मिला दें। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने से जमीन के पोषक तत्व व उर्वरा शक्ति हृस होता है और जमीन में मौजूद मित्र कीट मर जाते हैं साथ ही इससे वायु प्रदूषण भी बढ़ता है। उन्होंने बताया कि यथावत फसल अवशेष प्रबंधन के लिए केंद्रीय सेक्टर स्कीम केंद्र सरकार द्वारा केवल तीन राज्यों हरियाणा, पंजाब व उत्तरप्रदेश में शुरू की गई है। इसलिए उन्होंने अधिकारियों को बताया कि फानों से होने वाले नुकसान व इनके प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों पर दिए जा रहे अनुदान बारे किसानों को जागरूक करें। डा. सुरेंद्र सिंह यादव उप कृषि निदेशक, यमुनानगर ने बताया कि प्रथम चरण में ग्राम पंचायत स्तरीय कृषि यंत्रों द्वारा यथावत फसल अवशेष प्रबंधन व सीएचसी स्थापना के लिए 25 मई, 2018 से 15 जून 2018 तक 473 ग्राम पंचायतों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सीएचसी स्थापित करने के लिए अब तक कुल 1088 आवेदन प्राप्त हुए है शीघ्र ही इनका चुनाव मैरिट के आधार पर किया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम,इत्यादि के बारे में जानकारी दी।