अपात्रों को बांट दी स्कॉलरशिप

कैग रिपोर्ट में निजी विश्वविद्यालयों की करतूत का खुलासा, आठ करोड़ की गड़बड़ आई सामने

शिमला— हिमाचल प्रदेश में छात्रों की आठ करोड़ की स्कॉलरशिप में गडबड़झाला उजागर हुआ है। इस गड़बड़ में राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के बच्चों की स्कॉलरशिप भी हड़पी गई है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने वर्ष 2014-15 से लेकर अब तक हिमाचल में आबंटित स्कॉलरशिप पर तल्ख टिप्पणी की है। कैग ने ऑडिट पैरा में स्पष्ट कहा है कि हिमाचल के छात्रों के नाम पर आठ करोड़ की स्कॉलरशिप का गबन हुआ है। कैग ने यूजीसी से बिना मान्यता चल रहे विश्वविद्यालयों को भी नामजद करते हुए ऑडिट पैरा में शामिल किया है। इसमें कहा गया है कि बिना मान्यता के चल रहे विश्वविद्यालयों को भी हिमाचल सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर स्कॉलरशिप जारी कर दी है। गौर हो कि केंद्रीय मानव संसाधन और जनजातीय विकास मंत्रालय सहित कई केंद्रीय एजेंसियां हिमाचल के एससी-एसटी, ओबीसी और बीपीएल छात्रों को स्कॉलरशिप योजना का लाभ दे रही हैं। अलबत्ता कैग की रिपोर्ट के बाद शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। कैग ने यह रिपोर्ट शिक्षा विभाग के सचिव को प्रेषित की है। इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए विभागीय सचिव ने मामला राज्य सरकार के संज्ञान में लाया है। इस आधार पर सरकार ने उच्च शिक्षा निदेशालय को जांच के निर्देश जारी किए हैं। सूचना के अनुसार उच्च शिक्षा निदेशालय की स्कॉलरशिप ब्रांच में कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा निजी विश्वविद्यालय चला रहे हैं। स्कॉलरशिप की आबंटित राशि को लेकर हुए ऑडिट के दौरान एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे शुरू हुए हैं। इसमें कहा गया कि निजी विश्वविद्यालय चांदी कूटने के लिए हिमाचल के छात्रों के नाम पर फर्जी स्कॉलरशिप हड़प रहे हैं। कैग की इस टिप्पणी के बाद अब स्कॉलरशिप ब्रांच में हड़कंप की स्थिति है। आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि स्कॉलरशिप में सेंधमारी के लिए अपनों की सांठ-गांठ नकारी नहीं जा सकती। इस कारण उच्च शिक्षा निदेशालय को जांच के आदेश जारी किए गए हैं।

कुछ यूं चल रहा था स्कॉलरशिप हड़पने का खेल

निजी विश्वविद्यालय के मार्किटिंग एग्जिक्यूटिव अपने संस्थानों में फर्जी दाखिले के लिए प्रदेश भर में सर्वे के आधार पर छात्रों का चयन करते हैं। दाखिला लेने पर उन्हें स्कॉलरशिप तथा डिग्री का लालच देकर उनका नाम पता और खाता नंबर लिया जाता था। इसके बदले उनसे एडमिशन फीस के लिए ब्लैंक चेक लिया जाता था। इस आधार पर छात्रों की एडमिशन दिखाकर स्कॉलरशिप की राशि हड़पी जा रही थी।

केंद्रीय मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

कैग रिपोर्ट के तुरंत बाद केंद्रीय जनजातीय विकास मंत्रालय ने हिमाचल सरकार को  नोटिस जारी कर छात्रवृत्ति के आबंटन पर रिपोर्ट तलब कर ली है। मंत्रालय ने राज्य से पूछा है कि हिमाचल के जनजातीय छात्रों को जारी की गई स्कॉलरशिप की डिटेल्ड रिपोर्ट भेजी जाए। इसमें लाभार्थियों के नाम शिक्षण संस्थानों सहित प्रेषित किए जाएं।

एक अफसर पर तबादले की गाज

ऑडिट पैरा में सामने आए महाघोटाले के बाद राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा निदेशालय में वर्षों से बैठे एक प्रभावशाली अधिकारी के तबादला आदेश जारी कर दिए हैं। हैरत है कि इस तबादले को रद्द करवाने के लिए एक दर्जन निजी विश्वविद्यालयों के साथ कुछ नेताओं ने सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया है।