आजकल भी लगाई जा सकती है गुलदाउदी

सीता राम धीमान

इससे पहले आपने गुलदाउदी की खेती और  प्राकृतिक मौसम, और किस्मों के बारे में पढ़ा अब आगे पढं़े पौधे लगाने का समय और इसकी सिंचाई

गुलदाउदी लगाने से पहले मिट्टी को जीवाणु-रहित कर लिया जाए। मिट्टी को जीवाणु रहित करने के लिए सौर ऊर्जा विधि का प्रयोग किया जा सकता है।  इस विधि में भूमि को अच्छी तरह जुताई करने के बाद उसमें गोबर की खाद मिला दें और भूमि की सिंचाई कर दें। सिंचित भूमि को सफेद, पारदर्शी, पतले 25 से 50 माइक्रॉन या 100 से 200 गेज पोलिथीन से गर्मियों के महीनों में 4 से 6 सप्ताह तक ढक दें।

खाद व सिंचाईः गुलदाउदी के पौधे बड़ी मात्रा में आहार अवशोषित करते हैं तथा आहार परिवर्तन में रुचि रखते हैं। पौधे की इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए 5 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति वर्ग मीटर तथा 30 ग्राम प्रत्येक नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम को प्रति वर्ग मीटर मिट्टी में पौधे लगाने से पहले मिलाया जाता है। ध्यान रहे, नाइट्रोजन की आधी मात्रा 15 ग्राम पौधे लगाने से पहले तथा बची हुई आधी मात्रा 15 ग्राम पौधे लगाने के 45 दिन बाद मिट्टी में मिलाएं। इसके साथ-साथ पौधे लगाने के तुरंत बाद इन्हें साधारण पानी से सींचना चाहिए।

आजकल तरल उर्वरकों का प्रयोग तेजी से लोकप्रिय एवं किफायती बनता जा रहा है। मिट्टी की उर्वरकता बनाए रखने के लिए रेतीली मिट्टी में, दोमट मिट्टी की तुलना में अधिक उर्वरक मिलाने की जरूरत होती है।

एकीकृत पोषक तत्त्व प्रबंधन दृष्टिकोण का प्रयोग स्वस्थ पौधे उगाने के लिए फायदेमंद है। प्रयोगों के निष्कर्षों से पता चलता है कि 22.5 ग्राम/वर्ग मीटर, प्रत्येक, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम़, वर्मीकम्पोस्ट एक किलो ग्राम/वर्ग मीटर, बायोफर्टीलाइजर को मिलाने से गुलदाउदी की स्वस्थ एवं अच्छी पैदावार मिलती है। बायोफर्टीलाइजर में ‘एजोटोबेक्टर’ और ‘पीएसबी’ का प्रयोग करने के लिए कर्तनों की जड़ों को 200 ग्राम इनोकुला को एक लीटर पानी में 10 प्रतिशत चीनी के घोल में डुबो कर मिट्टी में रोपण करना चाहिए। यद्यपि, एएम कवक 2 ग्राम/ पौध को पौध रोपण से पहले गड्ढे में मिलाना चाहिए। जब पौधे जड़ पकड़ लें तथा नई पत्तियां आनी शुरू हो जाएं तो प्रत्येक सिंचाई 200 पीपीएम नाइट्रोजन व पोटाशियम वाले पानी से करने से पौधे की गुणवत्ता में सुधार पाया गया है। इसके अलावा, कुछ तत्त्व जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, लोहा, मैगनीज, बोरोन तथा जिंक की भी पौधें को जरूरत होती है जिन्हें आवश्यकतानुसार दिया जा सकता है।

पौधे लगाने का समय व तरीकाः हिमाचल प्रदेश के मध्यम पर्वतीय और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में गुलदाउदी के पौधे को अप्रैल से जुलाई तक लगाया जा सकता है। निचले पर्वतीय क्षेत्रों में इसके पौधे को जून से अगस्त महीने के बीच लगाया जा सकता है। इसके पौधे को कतारों में एक समान दूरी पर लगाया जाता है। एक कतार से दूसरी कतार व एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 30-30 सेंटीमीटर रखी जाती है।                            – क्रमशः