आज थमेंगे उत्तराखंड में पहिए…

मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल पर ट्रांसपोर्ट यूनियन; परिवहन विभाग को दिया चक्का जाम का नोटिस, स्कूल बसें भी शामिल

देहरादून— शुक्रवार 20 जुलाई को प्रदेश में डेढ़ लाख यात्री वाहनों के पहिए थम सकते हैं। इससे लोगों को आवाजाही में परेशानी होगी। विशेषकर पर्वतीय इलाकों के लिंक मार्गों पर दिक्कत होगी। प्रदेश के ट्रांसपोर्टरों ने देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। ट्रांसपोर्टर, परिवहन विभाग को चक्काजाम का नोटिस भी थमा चुके हैं। चक्काजाम में बस, टैक्सी, मैक्सी, ट्रक, ऑटो, सिटी बस, स्कूल बस यूनियनें शामिल हैं। हड़ताल से पर्वतीय क्षेत्रों के लिंक मार्गों पर आवाजाही में सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है। इन मार्गों पर निजी बस और मैक्सी के अलावा आवागमन का कोई अन्य साधन नहीं है। रोडवेज की बसें भी इन रूटों पर नहीं चलती हैं। ऐसे में लोगों को पैदल चलने को मजबूर होना पड़ेगा। हड़ताल में स्कूल बस और वैन यूनियनें भी शामिल हैं। इसलिए बच्चों को भी स्कूल जाने और घर आने में परेशानी उठानी पड़ेगी। बुधवार को देहरादून में हुई ट्रांसपोर्टरों की बैठक में देशव्यापी चक्काजाम को सफल बनाने पर जोर दिया गया। इसमें स्कूल वैन, ऑटो-रिक्का, मैक्सी कैब, मैजिक समेत अन्य परिवहन यूनियनों के पदाधिकारी शामिल रहे। वक्ताओं ने कहा कि ट्रांसपोर्टरों को अपने हितों की रक्षा के लिए एकजुट होना जरूरी है। ट्रांसपोर्टरों की प्रमुख मांगों में एमवी एक्ट में संशोधन वापस लिया जाए, साथ ही डीजल की कीमतें कम हों, कीमतों में त्रैमासिक संशोधन हो, तृतीय पक्ष बीमा प्रीमियम में पारदर्शिता लाई जाए, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर टीडीएस समाप्त किया जाए, बस और पर्यटक वाहनों के लिए नेशनल परमिट जारी हो, ओवरलोडिंग में चालक के खिलाफ केस दर्ज न हो।

निगम पूरी करेगा बसों की कमी

ट्रांसपोर्टरों की एक दिवसीय हड़ताल सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। परिवहन विभाग ट्रांसपोर्टरों को हड़ताल वापस लेने के लिए मना रहा है, लेकिन अभी ऐसे कुछ संकेत नहीं मिले। इसलिए विभाग ने लोगों की परेशानी कम करने के लिए परिवहन निगम को हड़ताल के दिन सभी बसें संचालित करने के निर्देश दिए हैं।  बताया कि परिवहन सेवा पर आंशिक असर पड़ सकता है। इसलिए परिवहन निगम को हड़ताल के दिन अपनी सभी सेवाएं संचालित करने के निर्देश दे दिए हैं।