आमरण अनशन पर तबीयत बिगड़ी

बूचड़खाना का विरोध कर रहे व्यक्ति की हालत खराब, डाक्टरों ने खाने की सलाह दी

पंचकूला— मीट प्लांट मामले में बूचड़खाना के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे  पांच अनशनकारियों  में से  दो व्यक्तियों रमेश राणा और रमेश प्रधान की तबीयत बिगड़ गई है। 56 वर्षीय रमेश राणा की हालत ज्यादा खराब हो जाने के कारण उसे तुरंत रात करीब एक बजे सेक्टर-छह के सिविल अस्पताल उपचार के लिए भर्ती करवाया गया। जासपुर बूचड़खाना के विरोध में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना गत मंगलवार को शुरू हुआ था।  बता दें कि अनशन स्थल पर एसडीएम पंचकूला के अलावा अन्य कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। अनशनकारियों ने कहा कि जब तक बूचड़खाना बंद नही हो जाता तब तक अनशन जारी रहेगा। इसके बदले उनकी जान क्यों न चली जाए। उन्होंने कहा कि पांचों अनशनकारियों ने अपनी जान की बाजी लगा दी है और वे किसी भी कीमत पर झुकने वाले नहीं है। उन्होंने कहा की वे अपनी आनेवाली पीढि़यों की लड़ाई लड़ रहे हैं। बूचड़खाना लग जाने से आने वाली पीढि़यां उन्हें माफ  नहीं करेंगी, इसलिए वे इस लड़ाई को मरते दम तक लड़ेंगें। जिला परिषद सदस्य फोम लाल ने कहा कि उनको अपनी जायज मांग को लेकर भी अनशन करना पड़ रहा है , लेकिन इसके बावजूद भी इस गूंगी बहरी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही। सेक्टर-छह सिविल अस्पताल की एमर्जेंसी में उपचाराधीन अनशनकारी रमेश ने बताया कि अनशन के दौरान  हालत खराब होने के कारण उसके मना करने पर भी ग्रामीण उसको अस्पताल लेकर आ गए। वह अस्पताल नही आना चाहते थे क्योंकि उनको अपनी जान की कोई परवाह नही है। जब तक सांसे चल रही है जासपुर गावं में बूचड़खाने का निर्माण नही होने देंगे। रमेश ने बताया कि डाक्टरों के द्वारा खाना खाने की सलाह दी गई है, लेकिन वह किसी भी सूरत में अपना अनशन नही तोड़ेंगे, जब तक सरकार व जिला प्रशासन उनकी मांग को नही मान लेते। वही कांग्रेस प्रदेश महासचिव  मनवीर कौर गिल के अलावा कालका विधायक लतिका शर्मा, रमेश राणा का हालचाल जानने अस्पताल गए। मनवीर कौर गिल ने कहा कि भाजपा सरकार गोरक्षा के नाम पर झूठी राजनीति कर रही है। गिल ने कहा कि वह ग्रामीणों के साथ है और वह किसी भी कीमत पर बूचड़खाना नहीं बनने देंगी।