आरक्षण खिलवाड़ न करे

शिखा, मंडी

सरकार नौकरियों का पिटारा तो खोल देती है, लेकिन जरनल कैटेगरी के फार्म की फीस ही इतनी ज्यादा होती है कि वह फार्म भरने से ही डरता है। जरनल कैटेगरी में भी गरीब लोग हो सकते हैं। एससी, एसटी या एक्ससर्विसमैन परीक्षार्थियों के लिए फार्म की फीस बिलकुल कम या जरा भी नहीं होती है, चाहे वह अमीर परिवार से संबंध रखता हो। यह भेदभाव क्यों किया जाता है? यही नहीं कैटेगरी के आधार पर परीक्षा की मैरिट तय की जाती है। जरनल कैटेगरी के परीक्षार्थी 80 फीसदी नंबर लेने के बावजूद फेल हो जाते हैं और एससी, एसटी 70 फीसदी नंबर लेकर भी पास हो जाते हैं। हमें लगता है कि यह भेदभाव नहीं होना चाहिए। सरकार को इस बात की ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि आरक्षण की वजह से योग्यता से खिलवाड़ न हो।