इक्डोल छात्रों का भविष्य दांव पर

शिमला — एचपीयू के अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती एवं मुक्त शिक्षा अध्ययन केंद्र की मान्यता रद्द होने से प्रदेश के हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है। हजारों छात्र इक्डोल केंद्र की मान्यता बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि छात्रों को इक्डोल में प्रवेश यूजी डिग्री में मिल सके। इक्डोल में हर वर्ष यूजी डिग्री में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या का आंकड़ा तीन से चार हजार तक रहता है। ये वे छात्र हैं, जिन्हें राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा प्रणाली के तहत कालेजों में प्रवेश नहीं मिल पाता है और जो छात्र कालेज में नियमित शिक्षा ग्रहण नहीं करना चाहते हैं। हजारों की संख्या में आवेदन बीए सहित बीकॉम यूजी डिग्री के लिए करते हैं। इस बार भी प्रवेश यूजी डिग्री करने के छात्रों को इक्डोल में प्रवेश प्रक्रिया के शुरू होने का इंतजार है। वहीं निदेशक इक्डोल प्रो. कुलवंत सिंह पठानिया ने बताया कि इक्डोल के सभी दस्तावेज कोर्ट के निर्देशों के तीन दिनों के भीतर ही यूजीसी के पास जमा करवा दिए गए हैं। एचपीयू को उम्मीद है कि इक्डोल को राहत प्रदान कर इसकी मान्यता बहाल कर हजारों छात्रों को राहत प्रदान की जाएगी।