इनसाफ की घुटती आवाज का गुजर गया एक साल

पीडि़ता के पिता बोले, बेटी के साथ दरिंदगी में एक से ज्यादा शामिल, प्रकरण में प्रभावशाली लोगों का हाथ

शिमला— बहुचर्चित कोटखाई प्रकरण में सीबीआई की कार्रवाई से न तो आम जनाता और न ही पीडि़त परिवार संतुष्ट है। छात्रा के पिता का कहना है कि बेटी के साथ दरिंदगी में एक आदमी का हाथ नहीं हो सकता। मासूम छात्रा पर आधारित पुस्तक ‘गुडि़या अनसुनी चीख’ के विमोचन पर पीडि़त पिता ने कहा कि उनकी बेटी के साथ दंरिंदगी करने में एक से अधिक लोग शामिल रहे हैं। यह प्रभावशाली लोगों की करतूत है और उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए। पीडि़त पिता ने कहा कि इस मामले में एक मात्र नीलू को पकड़ा गया है, जो उनके गले नहीं उतर रहा। चिरानी नीलू का इस गुनाह में कुछ हाथ हो सकता है, लेकिन असली गुनहगार कोई और हैं। यदि नीलू ने इस वारदात को अंजाम दिया होता तो दो दिन तक बेटी का शव उसने कहां रखा। जिस जगह उनकी बेटी का शव मिला, वहां जंगल है, यदि बेटी की हत्या भी वहीं हुई होती तो उसके शव को जंगली जानवर खा गए होते, जबकि शव सुरक्षित रखा गया था। बेटी के बालों के क्लिप और जुराबें गायब थीं, इनको कौन ले गया। उनकी बेटी के शव को धोया गया था, ताकि सबूत न मिले। उन्होंने साफ कहा कि बेटी के साथ दरिंदगी करने वालों में बड़े और पैसे वाले लोगों का हाथ है। जिस तरह दरिंदगी की गई थी, उससे साफ है कि इसमें नशेड़ी शामिल रहे हैं।

‘गुडि़या अनसुनी चीख’ लांच

‘गुडि़या अनसुनी चीख’ नामक पुस्तक का शुक्रवार को विमोचन हो गया। पुस्तक का विमोचन छात्रा के पिता और हिमाचल के पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी ने किया। मदद सेवा ट्रस्ट के सौजन्य से छपी इस पुस्तक के लेखक अश्वनी शर्मा और सहलेखक तुनजा थापटा हैं। पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी ने कहा कि सीबीआई की जांच में जो निकलकर आया है, वह आम लोगों की उम्मीदों के अनुसार नहीं है।

प्रदेश पुलिस को बार्डर पर भेजो

पीडि़त पिता ने कहा कि हिमाचल पुलिस को सीमा पर आतंकवाद से लड़ने के लिए भेजना चाहिए। असली आरोपियों को बचाया गया है।

एक साल से न्याय का इंतजार

पीडि़त पिता ने कहा कि उनका परिवार एक साल से अपनी बेटी के लिए न्याय के इंतजार में हैं। विधायक या किसी अन्य वीआईपी की बेटी होती तो इसके गुनहगार कब के सलाखों के पीछे होते। केस दबाने के लिए दो करोड़ की ऑफर पर उन्होंने कहा कि उनको कोई ऑफर नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि यदि किसी ने ऐसी आफर दी होती तो वह उसको पकड़कर पुलिस के हवाले करते। गरीब हूं, पर बेटी का सौदा हरगिज नहीं करूंगा।