11 साल बाद अंग्रेजों की धरती पर टेस्ट सीरीज जीतने की राह में भारत का खराब प्रदर्शन रोड़ा
लंदन— भारत के 11 साल बाद इंग्लिश धरती पर टेस्ट सीरीज जीतने के सपने के आगे उसकी ओपनिंग जोड़ी सबसे बड़ा सिरदर्द बन गई है। विदेशी जमीन पर टेस्ट सीरीज जीतने के लिए यह बहुत जरूरी होता है कि टीम के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करेंगे, लेकिन इस मामले में भारत का रिकार्ड काफी खराब है। इंग्लैंड में 2014 में खेली गई पिछली सीरीज में भारतीय ओपनरों ने बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया था। इंग्लैंड के खिलाफ भारत की पांच टेस्टों की सीरीज पहली अगस्त से एजबस्टन में शुरू होने जा रही है, लेकिन उससे पहले काउंटी टीम एसेक्स के खिलाफ तीन दिवसीय अभ्यास मैच में ओपनर शिखर धवन की नाकामी ने कप्तान विराट कोहली की परेशानी बढ़ा दी है। शिखर दोनों पारियों में खाता खोले बिना बोल्ड हुए। यदि भारत की 2014 की पिछली इंग्लैंड सीरीज पर नजर डाली जाए तो टीम इंडिया को ओपनिंग जोड़ी की नाकामी बहुत भारी पड़ी और भारत 1-3 से सीरीज हार गया। इस साल जनवरी में दक्षिण अफ्रीका दौरे में भी भारत को अपनी ओपनिंग जोड़ी से परेशानी झेलनी पड़ी। भारत लंबे समय से एक स्थिर ओपनिंग जोड़ी की तलाश में है, जो उसे अच्छी शुरूआत दे सके। भारत ने मुरली विजय और शिखर धवन को लगातार आजमाया है, लेकिन विदेशी जमीन पर उनका तालमेल जैसे नदारद हो जाता है। विश्व की नंबर एक टेस्ट टीम को यदि विदेशी जमीन पर अपनी छवि सुधारनी है तो उसे ओपनिंग की समस्या से जल्द से जल्द निजात पा लेनी होगी। विराट को यह तय कर लेना होगा कि क्या वह मुरली और शिखर के साथ उतरेंगे या शिखर को बाहर रख मुरली के साथ राहुल को उतारा जाएगा। राहुल टेस्ट टीम में तीसरे ओपनर के रूप में शामिल हैं। यह पांच टेस्टों की सीरीज है और यदि 2007 के बाद भारत को इंग्लैंड में पहली टेस्ट सीरीज जीत हासिल करनी है तो उसके ओपनरों को बेहतर खेल दिखाना होगा।