कसौली कांड के सबक

विवेक आनंद सूद, पाहड़ा, पालमपुर

पहली मई को सोलन जिला के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कसौली में जो गोलीकांड हुआ, उसने हिमाचल पुलिस प्रशासन को शर्मसार कर दिया। देवभूमि हिमाचल जैसे शांतप्रिय प्रदेश में कुछ दिनों से ऐसी कई अप्रिय घटनाएं घटित हो रही हैं, जो सरकार व प्रशासन के लिए एक चिंता का विषय है। हमारा देश लोकतांत्रिक है, वोट बैंक की राजनीति के दबाव में नेताओं से मिलकर कुछ लोग अपने साधनों के हित में गैर कानूनी काम करवाने में सफल हो जाते हैं। इस गोलीकांड को भविष्य के लिए एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए। शुरू में की गई कार्रवाई से किसी भी मामले को आसानी से सुलझाया जा सकता है, परंतु कुछ वर्षों बाद उनसे निपटना मुश्किल हो जाता है। कसौली कांड इसका साक्ष्य है। सरकार व प्रशासन का लचीलापन ऐसे अनैतिक कार्यों को बढ़ावा देता है। उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया था। पुलिस प्रशासन के कई उच्चाधिकारियों का निलंबन हुआ, परंतु ऐसी कार्रवाई से बीच में निर्दोष व्यक्ति भी दोषी समझे जाते हैं। अतः ऐसे संगीन मामलों में पहले से ही प्रशासन को तत्पर रहना चाहिए, ताकि फिर से कसौली जैसे कांड की पुनरावृत्ति न हो। अगर सरकार राज्य पुलिस से असंतुष्ट हो, तो केंद्र के अर्द्धसैनिक बलों की सहायता लेनी चाहिए। सरकार को हिमाचल में ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जो हिमाचल की शांति को बरकरार रख सके।