काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।  काशी विश्वनाथ मंदिर का हिंदू धर्म में एक विशिष्ट स्थान है। ऐसा माना जाता है कि एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल उत्तर प्रदेश की प्राचीन धार्मिक नगरी वाराणसी में श्रावण मास में हर सोमवार को काशी विश्वनाथ के जलाभिषेक एवं पूजन-दर्शन के लिए लाखों शिवभक्त आते हैं। तीनों लोकों में न्यारी इस धार्मिक नगरी में हजारों साल पूर्व स्थापित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रसिद्ध है। हिंदू धर्म में इस मंदिर का सर्वाधिक महत्त्व है। माना जाता है कि भगवान शिव ने इस ज्योतिर्लिंग को स्वयं के निवास से प्रकाशपूर्ण किया है। पृथ्वी पर जितने भी भगवान शिव के स्थान हैं, वे सभी वाराणसी में भी उन्हीं के सान्निध्य में मौजूद हैं। भगवान शिव मंदराचल पर्वत से काशी आए तभी से उत्तम देवस्थान नदियों, वनों, पर्वतों, तीर्थों तथा द्वीपों आदि सहित काशी पहुंच गए। विभिन्न ग्रंथों में काशी विश्वनाथ जी के दर्शन आदि का महत्त्व विस्तारपूर्वक बताया गया है। इनके दर्शनमात्र से ही सांसारिक भयों का नाश हो जाता है और अनेक जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं। माना जाता है कि सैकड़ों जन्मों के पुण्य के ही फल से विश्वनाथ जी के दर्शन का अवसर मिलता है। हिंदू धर्म में कहते हैं कि प्रलयकाल में भी इसका लोप नहीं होता।