गाद के गदर से बिजली संकट बरकरार

कई प्रोजेक्ट बंद, एनजेपीसी-रामपुर प्रोजेक्ट कभी भी दे सकता है धोखा

शिमला— नाथपा झाखड़ी परियोजना और रामपुर परियोजना में बिजली उत्पादन शुरू होने के बावजूद उत्तर भारत में बिजली संकट बरकरार है। लगातार हो रही बारिश से कभी भी ये परियोजनाएं दोबारा बंद हो सकती हैं, क्योंकि सतलुज नदी में सिल्ट सबसे अधिक है। शनिवार को दोपहर बाद दो बड़ी परियोजनाएं शुरू हुईं, मगर चार अन्य परियोजनाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं। जानकारी के अनुसार दोपहर 12 बजे नाथपा झाखड़ी व रामपुर परियोजनाओं में उत्पादन शुरू कर दिया गया। यहां सिल्ट की मात्रा 30 से 35 हजार पीपीएम तक पहुंच गई थी। शनिवार को यह घटकर तीन हजार पीपीएम तक पहुंची, जिसके बाद यहां पर बिजली उत्पादन शुरू हुआ। पांच हजार पीपीएम तक सिल्ट पहुंचने के बाद प्रोजेक्टों को बंद करना पड़ जाता है। शनिवार को पूरा दिन बारिश का दौर जारी रहा जिस कारण जेएसडब्ल्यू का बसपा प्रोजेक्ट पूरी तरह से बंद रहा वहीं बिजली बोर्ड के तीन पावर हाउस भी बंद रहे। बसपा 300 मेगावाट का है, जो इन दिनों 330 मेगावाट तक उत्पादन करता है। यहां अब उत्पादन बंद है। इसके साथ गिरी, आंध्रा व घानवी परियोजनाएं भी बंद पड़ी हुई हैं। बोर्ड ने शुक्रवार को दो बड़े प्रोजेक्ट बंद होने के चलते एक्सचेंज में करीब 36 लाख यूनिट बिजली की खरीद की है।

भू-स्खलन भी रुला रहा

सतलुज को सिल्ट ने सबसे अधिक प्रभावित किया है। यहां कड़छम व एनजेपीसी के बीच में भू-स्खलन काफी ज्यादा हुआ है, जिस कारण पानी में मिट्टी की मात्रा बढ़ गई है। बसपा के पास सतलुज में करीब 12 हजार पीपीएम सिल्ट से प्रोजेक्ट बंद है। बोर्ड सेंट्रल सेक्टर से बिजली ले रहा है, मगर यह पर्याप्त नहीं है, लिहाजा उसे खरीदनी भी पड़ रही है।