पूरी तरह खिलने के बाद ही तोड़ें फूल

इससे पहले आपने गुलदाउदी की खेती और  प्राकृतिक मौसम, किस्में और लगाने के तरीके के बारे में पढ़ा, अब आगे पढं़े पौधे के फूलों की तुड़ाई..

पौधे को सहारा देनाः गुलदाउदी के पौधें को तेज हवा से बचाने के लिए इन्हें सहारे की आवश्यकता होती है। आवश्यकता उस समय और भी बढ़ जाती है जब बड़े पुष्पों से उनके सिर भारी हो जाते हैं और दुर्बल शाखाएं उनका वजन संभालने में असमर्थ होती हैं। सहारा देने के लिए प्लास्टिक के जालों एवं बांस की खरपचियों का उपयोग किया जाता है।

कलिका नोचनः यह क्रिया गुलदाउदी की खेती में बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि बड़े फूल वाली किस्में एक टहनी पर एक ही फूल लेने के लक्ष्य से उगाई जाती हैं और छोटे फूल वाली किस्में एक ही टहनी पर बहुत से एक समान पुष्पों के लिए उगाई जाती हैं। कलिका नोचन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ऐसी कलियों को तोड़ा जाता है जिनकी टहनी पर जरूरत नहीं होती और यदि समय पर इन्हें नहीं तोड़ा जाए तो ये फूल कलियों की बढ़वार पर विपरीत असर करती हैं। इन्हें उस समय तोड़ लेना चाहिए जब ये हाथ में आसानी से पकड़ी जा सकें यानी मटर के दाने के आकार की हों।

शाखा नोचनः अनचाही शाखाएं, जो फूल देने वाली शाखाओं की पत्तियों के बीच निकलती हैं, के तोड़ने को शाखा नोचन कहा जाता है। यह काम जल्दी से जल्दी, जब ऐसी शाखाएं 0.5 सेंटीमीटर से कम लंबी हों, कर लेना चाहिए। इसका मुख्य उद्देश्य फूल वाली शाखाओं को सीध करना है। इससे फूल के आकार, सुंदरता व गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती है।

खरपतवार निकालनाः साधारणतया गुलदाउदी में खरपतवारों को हाथों से ही निकाला जाता है। गुलदाउदी की क्यारियों में निराई-गुड़ाई के समय ही यह काम कर लिया जाता है। इससे पौधे में लगने वाली बीमारियों तथा कीटों में कमी आती है और पौधे बलिष्ठ रहते हैं। क्यारियों को घास-फूस से ढकने से (मल्चिंग) भी खरपतवारों की मात्रा में कमी आती है।

फूलों की तुड़ाई एवं भंडारणः

किसी भी व्यावसायिक स्तर पर गुलदाउदी उगाने वाले को काटने व तोड़ने की सही अवस्था का ज्ञान होना जरूरी है। कारनेशन, गुलाब तथा ग्लैडियोलस की तरह गुलदाउदी के फूलों को, कलियां पूरी तरह से खिलने से पहले नहीं काटा जाता क्योंकि इसकी कलियां फिर फूलदानों में नहीं खिलती। गुलदाउदी के बड़े फूल वाली किस्मों के फूल तभी काटने चाहिए जब वे पूरी तरह से खिल जाएं और उनकी बाहरी पंखुडि़यां पूरी तरह से सीधी हो जाएं। काटते समय ध्यान रखें कि टहनी पर अधिक से अधिक पत्तियां रहें। टहनी पर अधिक पत्तियां रहने से फूल काफी समय तक खिले रहते हैं। इसके फूलों को नमी रखने वाले बक्सों में -0.5 से 0 डिग्री सेल्सियस  तापमान पर 3 से 4 सप्ताह के लिए भंडारित किया जा सकता है। यदि फूलों को भंडारित नहीं करना हो तो उन्हें सही अवस्था में काटकर विशेष तौर पर डिब्बों में बंद कर मंडियों में भेजा जाता है। प्रदेश में खुले फूलों के तौर पर प्रयुक्त होने वाली किस्मों खासकर ‘सर्फ’ को पूरा खिल जाने पर बिना डंडी के तोड़ा जाता है।

राकेश गुप्ता अधिष्ठाता औद्यानिकी महाविद्यालय, डा. वाईएस परमार, औद्यानिकी  एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, सोलन (हिमाचल प्रदेश)