प्रदेश को पर्यटन से उम्मीदें

एचडी शर्मा, करसोग, मंडी

हिमाचल प्रदेश के कण-कण में हर तहसील व उपमंडल स्तर पर इस कुदरत ने सुंदर पर्यटक स्थलों का खजाना भरपूर मात्रा में संवारा व संजोया हुआ है। जरूरत है तो सिर्फ इन पर्यटक स्थलों को विकसित करने की। इन अनछुए, भाव-विभोर, अति आकर्षक पर्यटक स्थलों के संदर्भ में आज से पूर्व सभी सरकारों ने मौखिक रूप से तो बहुत बड़ी-बड़ी डींगें मारी हैं, परंतु वास्तविकता में इस समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल कार्यकाल में जो हेली टैक्सी सेवा तथा ईको टूरिज्म की 113 नई शाखाएं चिन्हित करना तथा हर उपमंडल स्तर पर नए मिनी हेलिपेड की नई योजनाओं का जो  विस्तारीकरण किया जा रहा है, वह सराहना योग्य है। सड़क की दुर्दशा को सुधारने तथा पर्यटकों की सुख-सुविधाओं के लिए मूलभूत सहूलियतें प्रदान करके पर्यटन के क्षेत्र में नए आयाम बनाने की पहल की जा रही है। इन सभी प्रकार की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने से तो सच में पर्यटन उद्योग को पंख लग सकते हैं। इससे बेरोजगारी का विकराल नासूर भी काफी हद तक सुलझाया जा सकता है। पर्यटन के विकास से बेरोजगारी का यह नंगा नाच काफी हद तक सुधारा जा सकता है, अन्यथा बेरोजगारी के इस तांडव नृत्य ने सचमुच में ही सभी पारिवारिक सदस्यों मां-बाप, भाई-बहनों की नींद, भूख ही हराम कर रखी है। समूचे हिमाचल प्रदेश में विद्युतीकरण तथा पर्यटन के चहुंमुखी विकास से ही राम राज्य की स्थापना हो सकती है। सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को सुधारने की जो पहल की है उससे न केवल अकेले हिमाचल को लाभ होगा, बल्कि इसका समूचे देश पर सकारात्मक असर पड़ेगा। सरकार से यह भी आग्रह है कि पर्यटन को सुधारने की पहल में एक पहलू स्वच्छता का भी है। अतः प्रदेश में सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए भी पहल की जाए।