प्रशिक्षित परिचालक फिर भूख हड़ताल पर

स्थायी नीति की उठाई मांग, एचआरटीसी बसों से उतारने पर जताई नाराजगी

शिमला  – एचआरटीसी प्रशिक्षित परिचालकों ने सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है। स्थायी नीति की मांग को लेकर प्रशिक्षित परिचालकों के एक गुट ने विधानसभा के बाहर वर्षाशालिका से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। प्रशिक्षित परिचालकों ने ऐलान किया है कि जब तक सरकार उनके लिए स्थायी नीति नहीं बना लेती है, तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी। भूख हड़ताल पर बैठे प्रशिक्षित परिचालकों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। भूख हड़ताल पर बैठे प्रशिक्षित परिचालकों ने एचआरटीसी में सेवाएं देने वाले प्रशिक्षित परिचालकों को बसों से उतारने पर भी रोष जताया है। उनका आरोप है कि अब केवल मात्र 67 प्रशिक्षित परिचालक ही एचआरटीसी में सेवाएं दे रहे हैं, जबकि अन्य को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उनका कहना है कि वे एचआरटीसी में पिछले दो-तीन वर्षों से कौशल विभाग भत्ते के तहत अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने लोकल रूटों सहित लांग रूटों पर भी अपनी सेवाएं दी हैं, मगर एचआरटीसी में नए कंडक्टर आने के बाद निगम प्रबंधन ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। एचआरटीसी कई वर्षों तक उनसे दिन-रात सेवा लेता रहा, अब जब उन्हें उनकी जरूरत नहीं है, तो निगम ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। वहीं सरकार ने उन्हें भूख हड़ताल के दौरान आश्वासन दिया था कि दो माह के भीतर उनके लिए पालिसी बनाई जाएगी, तब तक उन्हें एचआरटीसी की बसों से नहीं उतारा जाएगा। अनशन पर बैठे प्रशिक्षुओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो अब क्रमिक अनशन को आमरण अनशन में बदल देंगे।