बारिश में बरतें सावधानियां

बरसात के मौसम की जहां अपनी खूबियां हैं, वहीं इस मौसम में लापरवाही बरतने पर स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं। आइए जानते हैं, इन समस्याओं से कैसे बचा जाए और इनका इलाज क्या है। बरसात के मौसम में उमस और मौसम में अचानक परिवर्तन होने के कारण सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और फ्लू की समस्याओं के मामले काफी बढ़ जाते हैं। खिली हुई तेज धूप के बाद अचानक बादलों का उमड़कर  घिर आना और फिर बरसात होना, जिसे आप मौसम में अचानक होने वाला बदलाव कह सकते हैं। इससे कई रोग पैदा हो सकते हैं आइए जानते हैं।

किन्हें होता है ज्यादा खतरा :

बच्चों और वयस्कों या किसी गंभीर बीमारी या फिर फेफड़ों की बीमारी जैसे दमा और निमोनिया से ग्रस्त लोगों का रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्यून सिस्टम) आम तौर पर कमजोर होता है। इसलिए उपरोक्त स्वास्थ्य समस्याओं से इनके ग्रस्त होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं। इंफ्लूएंजा वायरस से होने वाली बीमारियां जैसे फ्लू और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से होने वाले निमोनिया के होने की आशंकाएं कहीं ज्यादा बढ़ जाती हैं।

ऐसे करें बचाव :

बरसात में भींगने के बाद घर लौटने पर नहा लें। गीले कपड़ों की जगह सूखे कपड़े पहनें।

भींगने के बाद गर्म पेय पदार्थ चाय, कॉफी या फिर सूप आदि पिएं।

बाहर जाते वक्त छाता ले जाना न भूलें।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। गला खराब होने पर गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करें। सर्दी-जुकाम की स्थिति में अगर नाक बंद हो जाती है, तो स्टीम या भाप लें।

छींकते वक्त नाक और मुंह पर रूमाल रखें।

मानसून आने से पहले फ्लू से बचाव के लिए फ्लू वैक्सीन लगवाएं।

यदि बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और इसी तरह की अन्य समस्याएं बरकरार रहें और अगर सांस फूलती है, तो डाक्टर से परामर्श लें।

एंटीबायोटिक दवाओं को सिर्फ डाक्टर के परामर्श से ही लें।

विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्र्थों को वरीयता दें। ऐसा इसलिए, क्योंकि विटामिन सी शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्यून सिस्टम) को सशक्त करता है। संतरा और नींबू में विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।

फ्लू में सांस फूलने की समस्या होने पर शीघ्र ही डाक्टर से परामर्श लें।

बारिश के दिनों में पानी हमेशा उबाल कर पिएं।

इन दिनों अपने खान-पान का खास ध्यान रखें ताकि शरीर को बारिश में होने वाले रोगों से बचाया जा सके। बाजार में बिकने वाली खाने की चीजों से परहेज करें।  बरसात के मौसम में हमारे शरीर में अकसर पानी की मात्रा अधिक हो जाती है। अतः आहार में शुष्क पदार्थों की मात्रा अधिक रखें ताकि वे आसानी से पच सकें। दही, छाछ का उपयोग न करें, क्योंकि इन दिनों पेट में  अम्ल की मात्रा बढ़ी होती है। इन दिनों भोजन सादा ही लें। अधिक चिकनाई युक्त, तले व भुने हुए भोज्य मन को अवश्य लुभाते हैं जो स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित नहीं होते। इस तरह की सावधानियां बरत कर आप रोागों के भय से मुक्त रहेंगे तथा बारिश के मौसम का आनंद भी उठा सकेंगे।