बीबीएमबी में हिस्सेदारी पर फिर ठेंगा

दूसरे राज्यों के दबाव में केंद्र सरकार, हिमाचल प्रदेश का हक दिलाने में नाकाम

शिमला— बीबीएमबी में पुरानी हिस्सेदारी के मसले पर केंद्र सरकार ने प्रदेश को अंगूठा दिखा दिया है। सालों से इस मामले को हिमाचल उठा रहा है, परंतु दूसरे राज्यों के दबाव में मोदी सरकार भी हिमाचली हिस्से को दिलाने में असफल साबित हो रही है। खुद केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने माना है कि दूसरे राज्य मान नहीं रहे हैं, जिन्हें मनाना होगा। साथ ही गृह मंत्रालय को इसके लिए कानून में संशोधन करना होगा। केंद्र सरकार यह जरूर कह रही है, परंतु कानून में संशोधन के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट का भी हिमाचल के हित में फैसला आ चुका है, बावजूद इसके हिमाचल को बीबीएमबी में पुरानी बकाया हिस्सेदारी नहीं मिल रही है। इसमें हिमाचल ने 4200 करोड़ रुपए की राशि लेनी है या फिर उसके बदले हिमाचल को बिजली मिले। बताया जाता है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान इस मामले को लेकर हिमाचल का विरोध कर रहे हैं, जिस पर केंद्र सरकार कोई रास्ता नहीं निकाल रही है। हिमाचल में भाजपा और केंद्र में भी भाजपा की सरकार होने के चलते उम्मीद थी कि मोदी सरकार इस पर हिमाचल को जल्द न्याय दिलाएगी, लेकिन केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने कह दिया है कि बीबीएमबी में हिस्सेदारी के लिए अभी हिमाचल को इंतजार करना होगा। वैसे वर्ष 2011-12 से हिमाचल को बीबीएमबी में 7.19 फीसदी की दर से हिस्सेदारी मिलनी शुरू हो गई है। इसके प्रोजेक्टों से प्रदेश को बिजली मिल रही है, लेकिन सालों पहले से यह प्रोजेक्ट तैयार हैं, जिसमें पुरानी हिस्सेदारी, जो कि दूसरे राज्यों को मिली है, वह हिमाचल को नहीं दी जा रही। ऐसा तब है, जबकि हिमाचल की जमीन पर ही बीबीएमबी के प्रोजेक्ट हैं, वहीं हिमाचल के पानी से ही यहां बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। हालांकि इन परियोजनाओं से विस्थापित लोग आज भी पुनर्वास के लिए तरस रहे हैं।

विस्थापितों के मुद्दे पर खामोशी

शिमला में ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश ने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया ह,ै जिसकी मांग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी की, परंतु केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि दूसरे राज्य अभी तक नहीं मान रहे हैं, जिन्हें पहले मनाना होगा। इसके साथ प्रदेश के विस्थापितों के मुद्दे को लेकर भी उन्होंने चुप्पी ही साधे रखी।

हिमाचली नदियों से पैदा बिजली पर मिले रॉयल्टी

शिमला— हिमाचल प्रदेश ने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश में बहने वाली नदियों से उत्पादित विद्युत पर प्रदेश को रॉयल्टी प्रदान करने की मांग उठाई है। चूंकि अन्य राज्यों को उनके प्राकृतिक संसाधनों के लिए रॉयल्टी प्रदान की जा रही है, उसी तरह प्रदेश में बहने वाली नदियां राज्य का प्राकृतिक संसाधन हैं, इसलिए रॉयल्टी मिलनी चाहिए।