भगोड़ों की संपत्ति जब्त करना आसान

लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक पर मुहर

नई दिल्ली— एक सौ करोड़ रुपए या उससे अधिक के आर्थिक अपराध कर देश छोड़ने वाले अपराधियों की संपत्ति जब्त करने और उसे स्वदेश लाने के उद्देश्य से लाए गए अध्यादेश का स्थान लेने वाले भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 पर बुधवार को संसद की मुहर लग गई। राज्यसभा ने बुधवार को इसे ध्वनिमत से पारित किया, जबकि लोकसभा इसे पिछले गुरुवार को पारित कर चुकी है। अब नीरव मोदी-माल्या जैसे भगोड़ों पर शिकंजा कसना आसाना हो जाएगा। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सदन में इस पर करीब सवा तीन घंटे चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य भगोड़े आर्थिक अपराधियों को स्वदेश लाना और भविष्य में इस तरह की अपराध कर देश छोड़ कर भागने की प्रवृत्ति पर रोक लगाना है। उन्होंने कहा कि इसमें 100 करोड़ रुपए का स्तर इसलिए बनाया गया है, ताकि इसके तहत बनने वाली विशेष अदालत में त्वरित और निर्धारित समयावधि में कार्रवाई हो सकें। एक बार भगोड़ा आर्थिक अपराधी विशेष अदालत में पेश हो जाएगा तो फिर उसके विरुद्ध अन्य संबंधित कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में देश छोड़कर भाग चुके आर्थिक अपराधी भी इस कानून के दायरे में आएंगे क्योंकि विधेयक के उपबंध तीन में कहा गया है कि इस कानून के अस्तित्व में आने के दिन जो भी व्यक्ति ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी है या भविष्य में भगोड़ा आर्थिक अपराधी बनता है’ उस पर यह कानून लागू होगा।

क्या है बिल में

भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक के तहत आर्थिक अपराध कर रकम चुकाने से इनकार करने वालों पर कार्रवाई होगी। 100 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया वाले बैंक लोन डिफाल्टर्स पर कार्रवाई की जाएगी। भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्तियां बेचकर भी कर्ज देने वालों की भरपाई की जा सकेगी।