मानसून सत्र – लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, मॉब लिंचिंग और विशेष राज्य के मुद्दे पर चर्चा की मांग

नई दिल्ली.  संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया। मॉब लिंचिंग और आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर लोकसभा में जोरदार हंगामा हो रहा है। इससे पहले मॉब लिंचिंग पर बहस के लिए तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा में नोटिस दिया। इसी मुद्दे पर राजद सांसद जेपी यादव ने लोकसभा में और माकपा सांसद डी राजा ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। संसद के दोनों सदनों में 67 बिल अटके हैं। इनमें ट्रिपल तलाक, भगोड़ा कानून और मुस्लिम विवाह संरक्षण बिल सरकार की प्राथमिकता में हैं। 18 जुलाई से 10 अगस्त तक सत्र चलेगा। इनमें 6 दिन छुट्टी के हैं। सरकार के पास अहम बिल पास कराने के लिए 18 दिन, यानी 198 घंटे हैं। उधर, मंगलवार को कांग्रेस के दफ्तर में विपक्षी दलों की बैठक हुई, जिसमें अविश्वास प्रस्ताव पर 12 दलों ने सहमति भी जताई। मानसून सत्र के दौरान ही राज्यसभा में उप-सभापति का चुनाव होगा। पीजे कुरियन का कार्यकाल पूरा हो रहा है। 18 साल में सबसे खराब रहा था इस साल का बजट सत्र , लोकसभा में कुल 23% और राज्यसभा में 28% कामकाज हुआ। लगातार हंगामे की वजह से दोनों सदनों के 250 घंटे बर्बाद हो गए। काम के लिहाज से यह सत्र 18 साल में सबसे खराब रहा। इसमें आंध्रप्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग, कावेरी जल विवाद, नीरव मोदी और एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, मूर्तियां तोड़ने जैसे मुद्दों पर कांग्रेस, टीडीपी और एआईएडीएमके समेत विपक्षी पार्टियों ने हंगामा किया। इससे पहले 2000 में लोकसभा में प्रोडक्टिविटी 21% और राज्यसभा की 27% रही थी।