रिवॉल्वर भी रख सकेंगे वनरक्षक

शिमला— जंगल बचाने को खतरों से जूझ रहे वन रक्षकों को सरकार ने हथियार देने का निर्णय तो लिया, परंतु इसे लेकर जैसा रुझान होना चाहिए था, वह नहीं मिल पा रहा। अभी तक बड़ी कम संख्या में वन रक्षकों ने हथियार लेने के लिए आवेदन किया है। इस पर सरकार ने अब कह दिया है कि जरूरी नहीं है कि वन रक्षक हथियार के रूप में राइफल ही लें। वह रिवॉल्वर भी रख सकते हैं। पहले छोटा हथियार रखने का प्रावधान नहीं था, जिस कारण वन रक्षक असमंजस में थे। वन रक्षकों की कर्मचारी यूनियन ने इस संबंध में सरकार से मामला उठाया था। उनका कहना था कि जंगलों की रक्षा के साथ वह आत्मरक्षा के लिए हथियार तो चाहते हैं, परंतु कोई भी बड़ा हथियार रखना नहीं चाहता। इसलिए सरकार उनका छोटा हथियार रखने की इजाजत दे। इस मसले पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वन ने सरकार से चर्चा की जिसके बाद निर्णय लिया गया है कि वह लोग छोटा हथियार यानी रिवाल्वर भी रख सकते हैं। इस पर सबसिडी सरकार उतनी ही देगी, जिसमें कोई कमी नहीं है। सरकार ने हथियार के लिए 12 हजार रुपए सबसिडी देने का निर्णय ले रखा है। चरणबद्ध ढंग से इन लोगों को हथियार लेने के लिए सबसिडी प्रदान की जाएगी। राज्य में वन काटुओं की दहशतगर्दी बढ़ जाने के कारण सरकार ने ये फैसला लिया है। वन रक्षक जो निहत्थे होते हैं वो वन काटुओं का सामना नहीं कर पाते। यहां जंगलों में अवैध रूप से कटान के अनगिनत मामले सामने आ चुके हैं। मंडी जिला के करसोग में होशियार सिंह की मौत के बाद सरकार सचेत हुई है। वन रक्षकों को वन काटुओं से निपटने में आसानी हो और वह खुद की आत्मरक्षा कर सकें इसलिए उनको हथियार देने की सोची गई है। अभी तक वन विभाग को नाममात्र वन रक्षकों ने ही हथियार के लिए सबसिडी देने को आवेदन किया है। परंतु माना जा रहा है कि रिवाल्वर रखने के लिए सभी लोग तैयार हैं, जिससे सरकार को अब बड़ी संख्या में आवेदन आने की उम्मीद है। वन रक्षकों की यूनीयन इस संबंध में लगातार चर्चा कर रही है और जल्द ही उनके माध्यम से भी वन विभाग को आवेदन आएंगे।