लोकायुक्त के दायरे से ममता बाहर, भाजपा ने बोला हमला

कोलकाता – पश्चिम बंगाल विधानसभा ने लोकायुक्त संशोधन विधेयक पारित कर दिया है। इस विधेयक में किए गए बदलावों के मुताबिक, अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लोकायुक्त के दायरे बाहर कर दिया गया है। लोकायुक्त भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछताछ नहीं कर सकेंगे। यही नहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय को भी लोकायुक्त के दायरे से बाहर कर दिया गया है। विधानसभा में बहस के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि उनसे केवल जनता पूछताछ कर सकती है और कोई नहीं। लोकतंत्र में बहस हो सकती है, लेकिन गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। जहां तक मेरी विश्वसनीयता की बात है तो केवल जनता मुझसे पूछताछ कर सकती है और कोई नहीं। मैंने अपना परिचय पत्र जनता के पास गिरवी रख दिया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने यह बदलाव केंद्र के कानून के मुताबिक किया है। हम जानते हैं कि संतुलन कैसे बैठाया जाता है, लेकिन हम किसी की हरेक चीज की नकल नहीं करते हैं। हम एक बहुमत प्राप्त सरकार हैं और संशोधन कर सकते हैं। यदि भविष्य में किसी पार्टी को राज्य में बहुमत मिलता है तो वह अपनी इच्छा के मुताबिक बदलाव कर सकती है। ममता ने इसी बहाने मोदी सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक लोकायुक्त कानून को लागू नहीं किया है। केंद्र सरकार ने अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति भी नहीं की है। उधर, ममता सरकार के इस फैसले पर भाजपा ने हमला बोला है। भाजपा नेता रूपा गांगुली ने कहा कि ममता के भतीजे और उनके भाइयों के घर देखिए। आप देखेंगे के उनके पास कितना धन है। आप यह नहीं कह सकते हैं कि सीएम इससे अनजान थीं। उन्होंने बंगाल में भ्रष्टाचार को अनुमति दी। वह हवाई चप्पल वाली नेता की तरह व्यवहार कर रही हैं, लेकिन वह ऐसी हैं नहीं।