शारीरिक शिक्षक रखो

डीआर जगोत्रा, बड़ोआ, ज्वालामुखी

सरकारें स्कूलों में खेलों को बढ़ावा देने के वादे करती हैं। खेल से विद्यार्थियों को फिट रखने के साथ-साथ खेलों में भविष्य बनाने वाले नए हीरों को तराशने की बातें करती हैं। परंतु ऐसा तभी संभव है अगर स्कूलों में शारीरिक शिक्षा का विषय पढ़ाने वाले शिक्षक होंगे। देखा गया है कि अधिकतर स्कूलों में शारीरिक शिक्षा देने वाले शिक्षक ही नहीं हैं, तो स्कूलों में शारीरिक शिक्षा के स्तर को कैसे सुधारा जा सकता है। खंड स्तर से लेकर स्कूली क्रीड़ा संगठन के माध्यम से हर वर्ष खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, मगर हिमाचल के विद्यालयों में शारीरिक शिक्षकों के हजारों पद रिक्त पड़े हैं। सरकार को रिक्त पदों को भरने की पहल करनी चाहिए, परंतु इसमें भी पुरानी भर्ती प्रक्रिया अर्थात सेवानिवृत्त अधिकारियों की भर्ती करने के बजाय लाखों युवा जो रोजगार की तलाश में बैठे हैं, उन्हें मौका दिया जाना चाहिए। इससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार और स्कूलों को शारीरिक शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षक मिल जाएंगे। स्कूलों में शारीरिक शिक्षा को आवश्यक विषय बनाने से जहां विद्यार्थियों को अच्छा स्वास्थ्य मिलेगा, वहीं खेलों में भविष्य संवारने वाले विद्यार्थियों को अपना विकास करने के लिए प्राथमिक स्तर पर एक आधार मिल जाएगा। अतः सरकार को इन शिक्षकों के पदों को शीघ्र ही भरना चाहिए।